नाग पंचमी 2025: कब है यह शुभ पर्व? नाग देवता को दूध क्यों चढ़ाया जाता है? जानें धार्मिक महत्व!
पवित्र श्रावण मास (Sawan Month) की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष, 2025 में, नाग पंचमी का यह विशेष पर्व 4 अगस्त, रविवार को मनाया जाएगा। यह पर्व नागों यानी सर्पों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उन्हें प्रसन्न करने का दिन है, क्योंकि हिंदू धर्म में नागों को अत्यंत पवित्र माना जाता है।
नागों को दूध क्यों चढ़ाया जाता है?
नाग पंचमी के दिन नाग देवताओं को दूध अर्पित करने की एक गहरी धार्मिक और पौराणिक पृष्ठभूमि है। कई कथाएं इसके पीछे प्रचलित हैं:
समुद्र मंथन: प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष निकला, तो भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए उसे पी लिया। इस विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला पड़ गया, और नागों ने उनकी गरदन में स्थित विष को धारण कर लिया। उस समय नागों ने बहुत गर्मी और पीड़ा महसूस की। उनकी पीड़ा को शांत करने के लिए देवताओं ने उन्हें दूध अर्पित किया, जिससे उन्हें शीतलता मिली। तब से यह प्रथा चली आ रही है कि नाग पंचमी के दिन नागों को दूध चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
भगवान शिव का श्रृंगार: भगवान शिव को नाग अत्यंत प्रिय हैं और वह अपने गले में वासुकी नाग जैसे नागों को धारण करते हैं। नागों को प्रसन्न करने का एक तरीका भगवान शिव को प्रसन्न करना भी है, और नाग पंचमी पर दूध चढ़ाकर यही किया जाता है।
सर्प दंश से रक्षा: माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने और उन्हें दूध अर्पित करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सांप के काटने का भय नहीं रहता।
नाग पंचमी का धार्मिक महत्व:
नाग पंचमी केवल नागों को दूध चढ़ाने का पर्व नहीं है, बल्कि इसका अपना एक विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है।
समृद्धि और संतान प्राप्ति: नागों की पूजा को धन, समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।
नकारात्मक शक्तियों से बचाव: ऐसी मान्यता है कि नागों की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
भगवान शिव की कृपा: नाग शिवजी का प्रतीक भी हैं, इसलिए नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
काल सर्प योग शांति: जिन व्यक्तियों की कुंडली में काल सर्प योग होता है, वे नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा-अर्चना करके इस दोष की शांति कर सकते हैं।
इस दिन, भक्त व्रत रखते हैं, नाग देवताओं के चित्र या मूर्ति बनाकर उनकी विधिवत पूजा करते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं और उन्हें कच्चा दूध, हलवा, दही आदि अर्पित करते हैं।
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