जब भारत-पाकिस्तान में होने वाली थी 'भयंकर जंग'... ट्रंप बोले- मेरे एक फ़ोन कॉल ने सब रोक दिया!

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डोनाल्ड ट्रंप जब बोलते हैं, तो सुर्खियाँ अपने आप बन जाती हैं। व्हाइट हाउस में न होते हुए भी, वे आज भी दुनिया की राजनीति में सबसे ज़्यादा हलचल मचाने वाले शख़्स हैं। एक बार फिर, उन्होंने कुछ ऐसे विस्फोटक दावे किए हैं, जिसने भारत से लेकर मध्य-पूर्व तक सबको चौंका दिया है।

ट्रंप ने एक इंटरव्यू में वह कहानी फिर से दोहराई है कि कैसे उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली एक "भयंकर जंग" को अकेले ही रुकवा दिया था। सिर्फ़ यही नहीं, उन्होंने हाल ही में गाज़ा में हुए युद्धविराम को भी अपनी "8वीं जीत" बता दिया है।

क्या है भारत-पाकिस्तान वाली कहानी?

ट्रंप ने अपनी कहानी कुछ यूँ सुनाई कि जब वे राष्ट्रपति थे, तो एक ऐसा वक़्त आया था जब भारत और पाकिस्तान परमाणु हथियारों के साथ एक-दूसरे को ख़त्म कर देने पर तुले हुए थे।

ट्रंप के शब्दों में, "मेरे पास दोनों तरफ़ से फ़ोन आए। वे लड़ रहे थे... और यह बहुत बुरा होने वाला था।"

ट्रंप ने बताया कि उन्होंने दोनों देशों से साफ़-साफ़ कह दिया था कि उन्हें यह लड़ाई रोकनी होगी। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्या कहा, तो ट्रंप ने अपने जाने-पहचाने अंदाज़ में जवाब दिया कि उन्होंने दोनों देशों पर भारी-भरकम टैरिफ (यानी टैक्स) लगाने की धमकी दी थी। उनका दावा है कि उनकी इसी धमकी के बाद दोनों देश पीछे हट गए और एक बहुत बड़ी तबाही टल गई।

"मैंने यह नोबेल पुरस्कार के लिए नहीं किया"

इस कहानी का सबसे दिलचस्प हिस्सा अब आता है। ट्रंप ने आगे कहा, "मैंने यह सब किसी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नहीं किया।"

इस एक लाइन में बहुत गहरा संदेश छिपा है। ट्रंप यह दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने शांति किसी इनाम के लिए नहीं, बल्कि अपनी ताक़त और बिज़नेस वाली समझ से स्थापित की। यह उनके 'अमेरिका फर्स्ट' वाले अंदाज़ को दिखाता है - मतलब साफ़ है, अगर हमारे हिसाब से नहीं चलोगे, तो आर्थिक रूप से तुम्हें इसका अंजाम भुगतना होगा।

गाज़ा युद्धविराम: ट्रंप की "8वीं जीत"

ट्रंप सिर्फ़ अतीत की बात करके नहीं रुके। उन्होंने हाल ही में इज़राइल-हमास के बीच हुए युद्धविराम का श्रेय भी ले लिया। उन्होंने इसे अपनी '8वीं जीत' बताया।

अब आप सोच रहे होंगे कि पहली 7 कौन सी हैं? दरअसल, वे अपनी सबसे बड़ी विदेश नीति की सफलता, 'अब्राहम अकॉर्ड्स' (Abraham Accords) का ज़िक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने 7 मुस्लिम देशों और इज़राइल के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते कराए थे। गाज़ा का युद्धविराम उनकी लिस्ट में अब 8वां है।

यह बेहद असाधारण है कि व्हाइट हाउस में न होते हुए भी, ट्रंप दुनिया के हर बड़े शांति समझौते का श्रेय ख़ुद को दे रहे हैं और अपनी एक 'शैडो प्रेसीडेंसी' यानी 'समानांतर सरकार' चला रहे हैं। अब इन दावों में कितनी सच्चाई है और कितना चुनावी स्टंट, यह तो वही जानें, लेकिन एक बात साफ़ है - आप ट्रंप को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।

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