मिर्गी का दौरा पड़ने पर तुरंत क्या करें और बाबा रामदेव के अनुसार असरदार उपाय
मिर्गी का दौरा (Epileptic seizure) एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें व्यक्ति के मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधियाँ होती हैं, जिससे अनैच्छिक झटके, चेतना का अस्थायी नुकसान या व्यवहार में बदलाव आ सकते हैं। मिर्गी के दौरे के दौरान तुरंत प्राथमिक उपचार करना बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह केवल दौरे को सुरक्षित रूप से समाप्त करने के लिए है, इलाज के लिए नहीं। डॉक्टरी सलाह और नियमित उपचार किसी भी परिस्थिति में आवश्यक है।
बाबा रामदेव ने मिर्गी के लिए योगासनों, प्राणायाम और आयुर्वेदिक औषधियों को प्रभावी बताया है, लेकिन दौरे के दौरान तुरंत क्या करना है, इसके बारे में उनकी सलाह भी आम चिकित्सा सलाह के अनुरूप ही है।
मिर्गी का दौरा पड़ने पर तुरंत क्या करें (Immediate First Aid):
शांत रहें और आसपास से लोगों को हटाएं: सबसे पहले खुद शांत रहें और आसपास के लोगों को भी शांत रहने के लिए कहें। दौरा पड़ने वाले व्यक्ति के आसपास की जगह को सुरक्षित बनाएं। नुकीली या सख्त वस्तुओं को उनसे दूर कर दें ताकि उन्हें चोट न लगे।
व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर लिटाएं: यदि संभव हो, तो व्यक्ति को ज़मीन पर या किसी नरम सतह पर एक करवट लिटा दें। इससे उनके मुंह से निकलने वाला झाग या उल्टी अगर हो तो बाहर निकल सकेगी और सांस लेने में आसानी होगी।
सांस लेने में सहायता: देखें कि व्यक्ति के कपड़े या कोई और चीज़ उनके गले को न दबाए, जिससे सांस लेने में बाधा हो।
समय नोट करें: दौरे की शुरुआत और समाप्ति का समय नोट करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि डॉक्टर को यह जानकारी इलाज में मदद करती है।
मुंह में कुछ न डालें: यह सबसे महत्वपूर्ण बात है! दौरे के दौरान कभी भी व्यक्ति के मुंह में उंगली, चम्मच, दवा या पानी डालने की कोशिश न करें। इससे वे गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं या उनका दम घुट सकता है।
ज्यादा हिलने-डुलने से रोकें: व्यक्ति को दौरे के दौरान ज्यादा झटकने या पकड़ने की कोशिश न करें, खासकर जब वे अनियंत्रित रूप से हिल रहे हों।
दौरा खत्म होने का इंतजार करें: ज़्यादातर दौरे कुछ मिनटों में खुद ही ठीक हो जाते हैं।
डॉक्टरी सहायता कब लें:
अगर दौरा 5 मिनट से ज़्यादा लंबा हो।
अगर एक के बाद एक दौरे पड़ते रहें और व्यक्ति होश में न आ पाए।
अगर व्यक्ति को सांस लेने में बहुत परेशानी हो रही हो।
अगर व्यक्ति को चोट लगी हो या दौरे के बाद वे होश में न आ पा रहे हों।
अगर मिर्गी का पहला दौरा पड़ा हो।
बाबा रामदेव के अनुसार मिर्गी के लिए योगासन, प्राणायाम और आयुर्वेदिक उपाय:
बाबा रामदेव के अनुसार, मिर्गी का रोग पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, खासकर यदि वह कीड़े, पेट की गंदगी या तंत्रिका तंत्र की कमजोरी से संबंधित हो। वह इसके लिए मुख्य रूप से योगासन, प्राणायाम और कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन का सुझाव देते हैं:
1. योगासन:
ताड़ासन (Mountain Pose): यह आसन तंत्रिका तंत्र को संतुलित करता है।
मंडूकासन (Frog Pose): पेट के अंगों को सक्रिय करता है और पाचन में सुधार करता है, जिसका अप्रत्यक्ष प्रभाव मिर्गी के कुछ प्रकारों पर पड़ सकता है।
सर्वांगासन (Shoulder Stand): मस्तिष्क में रक्त संचार को बढ़ाता है।
शीर्षासन (Headstand): यह आसन भी मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, लेकिन इसे सावधानी और मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए।
शवासन (Corpse Pose): यह विश्राम और तनाव मुक्ति के लिए बहुत प्रभावी है, जो मिर्गी के दौरों को ट्रिगर करने वाले कारकों में से एक है।
2. प्राणायाम:
भस्त्रिका (Bellows Breath): यह शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है और ऊर्जा देता है।
कपालभाति (Skull Shining Breath): यह पेट की सफाई करता है और तंत्रिका तंत्र को मज़बूत बनाता है।
अनुलोम-विलोम (Alternate Nostril Breathing): यह दोनों मस्तिष्क गोलार्धों (hemispheres) को संतुलित करता है और तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।
ओम (Om) का जाप: ओम की ध्वनि और कंपन मन और मस्तिष्क को शांत करने में मदद करते हैं।
3. आयुर्वेदिक औषधियां और उपाय:
मेधावटी (Medhavati): यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए जानी जाती है।
अश्वगंधा (Ashwagandha): यह एक शक्तिशाली एडाप्टोजेन है जो तनाव कम करने और तंत्रिका तंत्र को मज़बूत करने में मदद करता है।
ब्राह्मी (Brahmi): यह जड़ी-बूटी मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है और याददाश्त व एकाग्रता बढ़ाती है।
शंखपुष्पी (Shankhpushpi): यह भी मस्तिष्क की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है।
जटामांसी (Jatamansi): यह तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद करती है।
बादाम रोगन (Almond Oil): गाय के घी की तरह, बादाम रोगन का सेवन मस्तिष्क के लिए अच्छा है।
गाय का घी और मक्खन: स्वामी रामदेव मस्तिष्क को पोषण देने और न्यूरॉन्स की कोटिंग (माईलिन शीथ) को मज़बूत करने के लिए घी और मक्खन के सेवन की सलाह देते हैं।
पेठा (Ash Gourd) या कद्दू का जूस: इसे पीना भी फायदेमंद हो सकता है।
पीपल की दाढ़ी (Peepal Tree Roots/Aerial Roots): इनका काढ़ा बनाकर पीना भी मिर्गी में लाभदायक बताया गया है।
महत्वपूर्ण चेतावनी:
बाबा रामदेव द्वारा बताए गए ये सभी उपाय दीर्घकालिक प्रबंधन और राहत के लिए हैं। किसी भी दौरे के दौरान, प्राथमिक उपचार सबसे पहले करें और फिर तुरंत मेडिकल सहायता लें। योग और आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाते समय किसी योग्य योग प्रशिक्षक या आयुर्वेदिक चिकित्सक का मार्गदर्शन अवश्य लें।
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