दिल्ली धमाके से जुड़े अल फलाह का मतलब क्या है? जानिए कौन है इसका संस्थापक जो जा चुका है जेल

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News India Live, Digital Desk: दिल्ली के रिज रोड इलाके में हुए कम तीव्रता वाले बम धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को एक बार फिर चौकन्ना कर दिया है। घटनास्थल पर मिले एक पत्र में 'अल फलाह' (Al Falah) शब्द का जिक्र होने के बाद से लोग इस शब्द का मतलब और इस नाम से जुड़ी संस्थाओं के बारे में जानने को उत्सुक हैं। खासतौर पर हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित 'अल फलाह यूनिवर्सिटी' और इसके संस्थापक को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं।

आइए जानते हैं कि अरबी भाषा के इस शब्द का क्या मतलब है और इस यूनिवर्सिटी का संस्थापक कौन है, जिसका नाम विवादों में भी रह चुका है।

क्या है 'अल फलाह' का मतलब?

'अल फलाह' अरबी भाषा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द है, जिसका इस्लामी परंपरा में एक खास स्थान है।

  • शाब्दिक अर्थ: 'अल फलाह' का सीधा मतलब सफलता, समृद्धि, भलाई, मुक्ति या उद्धार होता है।
  • इस्लामी महत्व: यह शब्द मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। दिन में पांच बार दी जाने वाली अजान (नमाज के लिए बुलावा) में भी इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। अजान में "हय्या 'अल-अल-फलाह" कहा जाता है, जिसका अर्थ है "आओ सफलता की ओर" या "आओ भलाई की ओर"

कौन है अल फलाह यूनिवर्सिटी का संस्थापक और क्या है विवाद?

अल फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना 'अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट' द्वारा की गई थी, जिसके संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद हनीफ खान थे। डॉ. हनीफ खान की पहचान एक शिक्षाविद् के अलावा एक समाजसेवी और धार्मिक नेता के तौर पर रही है। हालांकि, उनका नाम विवादों से भी घिरा रहा है।

धोखाधड़ी के मामले में जा चुका है जेल

यूनिवर्सिटी के संस्थापक डॉ. मोहम्मद हनीफ खान को साल 2014 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने धोखाधड़ी और गबन के एक संगीन मामले में गिरफ्तार किया था।

  • क्या थे आरोप?: उन पर आरोप था कि उन्होंने 1994-95 के दौरान फरीदाबाद के धौज इलाके में कॉलेज और स्कूल बनाने के नाम पर लोगों से जमीन के फर्जी कागजात दिखाकर करोड़ों रुपये की ठगी की थी।
  • दर्ज हुए थे 25 से ज्यादा मामले: जांच में सामने आया था कि ट्रस्ट के नाम पर करीब 135 एकड़ जमीन थी, लेकिन इनमें से ज्यादातर जमीनों की रजिस्ट्री कभी हुई ही नहीं थी। पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर डॉ. हनीफ खान के खिलाफ धोखाधड़ी के 25 से भी ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे, जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।

फिलहाल, सुरक्षा एजेंसियां दिल्ली धमाके वाली जगह मिले पत्र में 'अल फलाह' शब्द के जिक्र के हर पहलू से जांच कर रही हैं। हालांकि, अभी तक इस यूनिवर्सिटी या इससे जुड़े किसी व्यक्ति का धमाके से कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं हुआ है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि पत्र में इस शब्द का इस्तेमाल किसी खास संगठन की ओर इशारा करने के लिए किया गया था या इसका कोई और मकसद था।

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