Ragi or Oats : डायबिटीज के मरीज़ों के लिए सुबह के नाश्ते में क्या है बेहतर?

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News India Live, Digital Desk: डायबिटीज के मरीजों के लिए दिन की शुरुआत सही नाश्ते से करना बहुत जरूरी है. सुबह आप जो खाते हैं, उसका असर दिन भर आपके ब्लड शुगर लेवल पर रहता है. ऐसे में अक्सर यह सवाल उठता है कि नाश्ते में क्या खाया जाए जो सेहतमंद भी हो और शुगर को भी कंट्रोल में रखे. आजकल दो नाम सबसे ज्यादा सुनने को मिलते हैं - रागी और ओट्स.

दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, लेकिन जब बात डायबिटीज की हो, तो अक्सर लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं कि दोनों में से बेहतर कौन है. आइए, आज इसी कन्फ्यूजन को दूर करते हैं और जानते हैं कि रागी और ओट्स में से आपके लिए क्या सही है.

गुणों की खान 'रागी'

रागी, जिसे नाचनी या मंडुआ के नाम से भी जाना जाता है, सदियों से हमारे देश में इस्तेमाल होता आ रहा है. यह एक मोटा अनाज है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है.

  • फाइबर से भरपूर: रागी में भरपूर मात्रा में डायट्री फाइबर होता है. यह फाइबर पाचन को धीमा करता है, जिससे खून में शुगर धीरे-धीरे रिलीज होती है और ब्लड शुगर अचानक से नहीं बढ़ता.
  • कैल्शियम और आयरन का खजाना: रागी में कैल्शियम और आयरन जैसे जरूरी मिनरल्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों की मजबूती और खून की कमी को दूर करने के लिए फायदेमंद हैं
  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स: रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम से मध्यम होता है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह बताता है कि कोई भी खाना कितनी तेजी से आपके ब्लड शुगर को बढ़ाता है. कम जीआई वाले फूड्स डायबिटीज में फायदेमंद होते हैं.

कैसे करें सेवन: आप रागी की रोटी, चीला, डोसा या दलिया बनाकर खा सकते हैं बस ध्यान रखें कि बहुत बारीक पिसे हुए आटे की जगह थोड़ा मोटा पिसा आटा इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद होता है.

सेहत का साथी 'ओट्स'

ओट्स ने भी पिछले कुछ सालों में हेल्दी नाश्ते के तौर पर अपनी खास जगह बना ली है. खासकर डायबिटीज और दिल के मरीजों के लिए इसे बहुत अच्छा माना जाता है.

  • बीटा-ग्लूकन फाइबर: ओट्स की सबसे बड़ी खासियत है इसमें मौजूद 'बीटा-ग्लूकन' नाम का सॉल्युबल फाइबर. यह फाइबर शरीर में जाकर एक जेल जैसा पदार्थ बनाता है जो पाचन को धीमा करता है और बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है
  • ब्लड शुगर कंट्रोल: बीटा-ग्लूकन ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए बहुत कारगर माना जाता है.
  • वजन घटाने में मददगार: ओट्स खाने के बाद देर तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे आप बेवजह खाने से बचते हैं और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

कैसे करें सेवन: हमेशा पैकेट वाले मीठे या फ्लेवर्ड ओट्स की जगह स्टील-कट या रोल्ड ओट्स चुनें. इन्हें आप दूध या पानी में पकाकर दलिया बना सकते हैं या फिर इसका चीला और उपमा भी बना सकते हैं.

तो फिर फैसला क्या है? रागी या ओट्स?

सच तो यह है कि रागी और ओट्स, दोनों ही डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतरीन विकल्प हैं किसी एक को विजेता कहना मुश्किल है क्योंकि दोनों के अपने-अपने खास फायदे हैं.

  • अगर आपको शरीर में कैल्शियम और आयरन की मात्रा बढ़ानी है और एक पारंपरिक अनाज खाना चाहते हैं तो रागी एक शानदार विकल्प है.
  • अगर आपका मुख्य ध्यान कोलेस्ट्रॉल कम करने और scientifically proven तरीके से शुगर कंट्रोल करने पर है, तो ओट्स आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है.

सबसे अच्छी रणनीति यह है कि आप किसी एक पर निर्भर न रहें, बल्कि दोनों को अपनी डाइट में बारी-बारी से शामिल करें इससे आपको दोनों के पोषक तत्वों का फायदा मिलेगा. याद रखें, सबसे जरूरी है कि आप कितनी मात्रा में खा रहे हैं और उसे किस तरह से पका रहे हैं. किसी भी चीज का सेवन सीमित मात्रा में ही करें.

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