लखनऊ में ऐसा क्या हुआ कि थाने में पहुंचा BJP विधायक? पुलिसवालों पर लगा ये चौंकाने वाला आरोप

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News India Live, Digital Desk: बख्शी का तालाब (बीकेटी) विधानसभा से भाजपा विधायक योगेश शुक्ला महिंगवा थाने के एक दरोगा और सिपाही के खिलाफ गंभीर आरोपों के साथ सामने आए हैं. उन्होंने पुलिस पर भ्रष्टाचार और मनमानी का आरोप लगाते हुए थाने पर अपने समर्थकों के साथ धरना दिया. यह मामला तब सामने आया जब विधायक के कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों पर गलत तरीके से पैसे मांगने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. पुलिस अधिकारियों के तत्काल हस्तक्षेप के बाद दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

पूरा मामला क्या है?

बीकेटी से भाजपा विधायक योगेश शुक्ला गुरुवार शाम अपने समर्थकों के साथ सीधे महिंगवा थाने पहुंच गए और वहीं धरने पर बैठ गए. विधायक ने दो मुख्य घटनाओं का जिक्र करते हुए पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाए.

पहला मामला उनके एक कार्यकर्ता अजय से जुड़ा है, जो हनुमंतपुर प्रधान शंकर लाल सिंह चौहान के भतीजे हैं. विधायक ने बताया कि दरोगा धीरेंद्र राय ने अजय की मोटरसाइकिल जब्त कर ली, जबकि उसके पास सारे कागज पूरे थे. आरोप है कि वसूली के चक्कर में एक हफ्ते तक मोटरसाइकिल के कागजात कोर्ट नहीं भेजे गए, जिससे अजय बहुत परेशान थे और लगातार थाने के चक्कर काट रहे थे. जब विधायक ने दरोगा धीरेंद्र राय से बात की, तो दरोगा ने कथित तौर पर बताया कि उन्हें 'चालान का टारगेट' पूरा करना था, इसलिए उन्होंने चालान किया.

दूसरा मामला पहाड़पुर के गणेश नाम के व्यक्ति का है, जिनका मोबाइल चोरी हो गया था. पुलिस ने उनका मोबाइल बरामद कर लिया था, लेकिन सिपाही और कंप्यूटर ऑपरेटर पप्पू कुशवाहा उस मोबाइल को वापस देने के लिए दो हजार रुपये मांग रहे थे. इस मामले को लेकर विधायक ने स्पष्ट नाराजगी जाहिर की.

विधायक का धरना और अधिकारियों का हस्तक्षेप

विधायक योगेश शुक्ला ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होगी, वह और उनके समर्थक थाने से नहीं हटेंगे. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, डीसीपी उत्तरी गोपाल कृष्ण चौधरी ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने विधायक से फोन पर बात की और उसके बाद आरोपी दरोगा धीरेंद्र राय और कंप्यूटर ऑपरेटर पप्पू कुशवाहा को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया. डीसीपी ने बताया कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच एसीपी बीकेटी को सौंपी गई है और उनकी रिपोर्ट के आधार पर दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ आगे विभागीय कार्रवाई की जाएगी

इस घटना के बाद एक बार फिर पुलिस प्रशासन में भ्रष्टाचार के आरोप गंभीर होते दिख रहे हैं. जनता और जनप्रतिनिधियों दोनों की यही उम्मीद है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

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