Weather Update : धूप सेंकने का मजा ले लीजिए, क्योंकि बादल छाने वाले हैं ,झारखंड में मौसम ले रहा है यू-टर्न

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News India Live, Digital Desk : अगर आप सोच रहे हैं कि अभी तक वो कड़ाके वाली ठंड (Winter Chill) महसूस क्यों नहीं हो रही, जिसके लिए दिसंबर जाना जाता है, तो आपके लिए मौसम विभाग की तरफ से एक बड़ा अपडेट है। लगता है मौसम ने अपना मिजाज बदलने का फैसला कर लिया है।

अभी सुबह और शाम को हल्की-हल्की सिहरन महसूस हो रही है और दिन में धूप खिली रहती है। लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), रांची ने जो संकेत दिए हैं, उसके मुताबिक हमें अपनी छतरियां और मोटे कंबल तैयार कर लेने चाहिए।

क्या है मौसम विभाग की भविष्यवाणी?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि झारखंड में मौसम फिर से पलटी मारने वाला है। आने वाले 4-5 दिनों तक तो मौसम शुष्क (Dry) रहेगा, यानी आसमान साफ रहेगा और धूप निकलेगी। लेकिन 29 नवंबर के बाद स्थिति बदल सकती है।
राज्य के कई हिस्सों में बादल छा सकते हैं और हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार बन रहे हैं। यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) या स्थानीय सिस्टम में बदलाव की वजह से हो सकता है।

बारिश के बाद बढ़ेगी 'कनकनी'
अक्सर देखा गया है कि सर्दियों में जब बारिश होती है, तो उसके तुरंत बाद ठंड का प्रकोप बढ़ जाता है।

  • तापमान में गिरावट: बारिश होने के बाद न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) में गिरावट आएगी।
  • शीतलहर: हवा में नमी बढ़ने से कनकनी महसूस होगी।
    फिलहाल, राज्य के ज़्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान 26-28 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12-15 डिग्री के बीच चल रहा है। लेकिन बारिश के बाद यह रात का पारा लुढ़ककर 10 डिग्री से नीचे जा सकता है।

किसानों और आम लोगों के लिए सलाह

  • सेहत का खयाल: बदलता मौसम बीमारियां लेकर आता है। बच्चों और बुजुर्गों को बारिश और ठंड से बचाने की ज़रूरत होगी।
  • किसानी: अगर आप खेत खलिहान से जुड़े हैं, तो मौसम के इस मिजाज पर नज़र रखें। हल्की बारिश रबी की फसलों (जैसे गेहूं, चना) के लिए तो ठीक हो सकती है, लेकिन अगर ओले गिरे या तेज बारिश हुई, तो तैयार खलिहान को नुकसान भी हो सकता है।

अगले 5 दिन क्या करें?
फिलहाल 28-29 नवंबर तक आप सुहावने मौसम का आनंद ले सकते हैं। धूप में बैठिये, पिकनिक मानिए। लेकिन 29 के बाद अगर बाहर निकलें, तो एक रेनकोट या छाता साथ रखना समझदारी होगी।

झारखंड का मौसम तो वैसे भी अनिश्चित रहता है, तो तैयार रहना ही बेहतर है!

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