Weak start of the market: सेंसेक्स 200 अंक से ज़्यादा गिरा निफ्टी 24650 से नीचे देखें प्री ओपन सेशन का हाल

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News India Live, Digital Desk: Weak start of the market:   सप्ताह की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार के लिए निराशाजनक रही। प्रमुख सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी ने सोमवार के शुरुआती प्री-ओपन सत्र में गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया। वैश्विक स्तर पर मिश्रित संकेतों और विशेषकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आगामी नीतिगत फैसलों की अनिश्चितता के बीच, निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया, जिससे बाज़ार में बिकवाली का दबाव देखा गया।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स प्री-ओपन सत्र में 200 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ 82,752.62 अंक पर खुला। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE का बेंचमार्क निफ्टी 50 भी दबाव में दिखा और 24,650 अंक के स्तर से नीचे आ गया। यह दिखाता है कि निवेशकों के बीच चिंता का माहौल था और वे बाजार में अपनी स्थिति कम करने को प्राथमिकता दे रहे थे।

शेयर बाजार में इस गिरावट के लिए कई कारकों को जिम्मेदार माना जा रहा है:

वैश्विक संकेत: एशियाई बाजारों में मिलाजुला प्रदर्शन देखा गया, वहीं अमेरिकी इक्विटी बाजारों में फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले उतार-चढ़ाव जारी था। निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दर बढ़ोतरी के संकेत का इंतजार कर रहे हैं, जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ सकता है।

कच्चे तेल की कीमतें: ब्रेंट क्रूड तेल की कीमतें $84 प्रति बैरल के पास बनी हुई थीं, जो बढ़ती महंगाई और कॉर्पोरेट लाभ मार्जिन पर दबाव डाल सकती हैं।

एफपीआई प्रवाह : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारत में निवेश का रुख कुछ धीमा पड़ा है। पिछले सत्र में भी एफपीआई ने इक्विटी बाजारों से नेट निकासी की थी, जिसने निवेशकों के भरोसे को कमज़ोर किया है।

तकनीकी विश्लेषण: विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी के लिए 24,600 का स्तर एक महत्वपूर्ण समर्थन बिंदु (सपोर्ट लेवल) था। अगर बाजार इस स्तर को तोड़ता है, तो आगे और गिरावट आ सकती है। दूसरी ओर, 24,750 से 24,800 के स्तर पर इसे प्रतिरोध रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा था।

कुल मिलाकर, निवेशकों के बीच सावधानी साफ देखी जा रही है। फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर फैसले का इंतज़ार और अन्य वैश्विक अनिश्चितताएं भारतीय शेयर बाजार के लिए अल्पावधि में चुनौती पैदा कर रही हैं। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे सावधानी से निवेश करें और वैश्विक संकेतों पर कड़ी नजर रखें।

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