भारत में जल संकट को बढ़ावा, 2025 तक पानी की समस्या और विकराल हो सकती है: यूनेस्को

भारत में जल संकट: भारत में बढ़ती भूजल समस्या देश में एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। जिसमें आने वाले समय में देश की जनता को बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है. 

भारत को गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों की भूमि कहा जाता है। यहां पानी की प्रचुरता देश को और भी खूबसूरत बना रही है, लेकिन इस खूबसूरत और समृद्ध देश के गांव और शहर पानी की बर्बादी कर रहे हैं, जिससे भविष्य में देश में जल महामारी के संकेत मिल रहे हैं। 

2025 तक और गहरा सकता है भारत का जल संकट: यूनेस्को रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 तक भारत की जल समस्या और भी विकराल हो सकती है। इस बात की चिंता बढ़ रही है कि जल संरक्षण की कमी, प्रदूषण, अतिक्रमण, शहरीकरण और पिघलते ग्लेशियरों के कारण भविष्य में गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु जैसी हिमालयी नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा। 

एशिया का 80 प्रतिशत हिस्सा पानी की कमी से जूझ रहा है: यूनेस्को रिपोर्ट

यूनेस्को द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में धरती पर 9.33 करोड़ लोग पानी की कमी से परेशान थे. इसके बाद कुछ देशों में जल संकट बढ़ता देखा गया. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशिया का 80 फीसदी हिस्सा पानी की कमी से जूझ रहा है. जिसमें पूर्वी चीन, भारत और पाकिस्तान पर संकट काफी दिख रहा है.