विवाह पंचमी आज: श्री राम-सीता विवाह का शुभ पर्व, जानें पूजा का सटीक मुहूर्त, सरल विधि और महत्व
आज, 25 नवंबर 2025, मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पावन पर्व बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह वही ऐतिहासिक और शुभ दिन है, जब त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था।
यह पर्व भगवान राम और माता सीता के आदर्श दांपत्य जीवन का प्रतीक है, जो हमें धर्म, प्रेम, त्याग और समर्पण की सीख देता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना और व्रत करने से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन में प्रेम और खुशहाली आती है।
पूजा और विवाह अनुष्ठान का शुभ मुहूर्त
आज भगवान राम और माता सीता के विवाह अनुष्ठान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त शाम को है:
- शाम 04:49 से लेकर शाम 06:33 तक।
कैसे करें घर पर राम-सीता विवाह? (सबसे सरल पूजा विधि)
आप अपने घर पर ही बड़ी ही सरलता से यह दिव्य विवाह संपन्न करा सकते हैं:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- हाथ में जल लेकर पूजा और व्रत का संकल्प लें।
- घर के पूजा स्थल को साफ करके एक चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं।
- अब इस पर भगवान श्री राम और माता सीता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- भगवान राम को पीले वस्त्र, चंदन, पीले फूल और तुलसी दल अर्पित करें।
- माता सीता को लाल वस्त्र (चुनरी), सिंदूर, बिंदी, चूड़ी समेत सोलह श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
- अब दोनों को फूलों की माला पहनाकर और एक पवित्र धागे से उनका गठबंधन करें।
- घी का एक दीपक जलाएं और रामचरितमानस से 'राम-सीता विवाह प्रसंग' का भक्ति-भाव से पाठ करें। इस दिन सुंदरकांड का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
- अंत में भगवान को पंजीरी, पंचामृत या खीर का भोग लगाएं।
- प्रेम पूर्वक आरती करें और पूजा में जाने-अनजाने में हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें।
क्यों है इतना महत्वपूर्ण है यह दिन?
विवाह पंचमी सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा है।
- अविवाहितों के लिए: जिन लोगों के विवाह में किसी भी तरह की बाधा या देरी हो रही है, उनके लिए इस दिन का व्रत और पूजन करना किसी वरदान से कम नहीं माना जाता।
- विवाहितों के लिए: जो लोग पहले से शादीशुदा हैं, उनके वैवाहिक जीवन में प्रेम, सम्मान और सामंजस्य बढ़ाने के लिए भी यह दिन बहुत खास है।
इस दिन पूरी श्रद्धा से की गई पूजा से भगवान राम और माता सीता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
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