Vaibhav Laxmi : हर शुक्रवार को बन जाएगा घर में धन-कुबेर का वास माँ लक्ष्मी के प्रिय इस व्रत की कथा
News India Live, Digital Desk : हम सब चाहते हैं कि हमारे घर में सुख-समृद्धि बनी रहे और जीवन में कभी आर्थिक तंगी (Financial Crisis Vastu) का सामना न करना पड़े. सनातन धर्म में इस मनोकामना को पूरी करने के लिए एक विशेष व्रत बताया गया है — वह है माता लक्ष्मी (Maa Laxmi ki Puja) का प्रिय - वैभव लक्ष्मी व्रत.
चूंकि शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी (Shukrawar Laxmi Vrat) को समर्पित होता है, इसलिए हर शुक्रवार (Vaibhav Laxmi Vrat on Friday) को सच्चे मन से यह व्रत करने से माँ अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं. यह सिर्फ एक पूजा नहीं है, बल्कि धन, यश और ऐश्वर्य पाने का एक अचूक मार्ग है.
आइए जानते हैं कि वैभव लक्ष्मी व्रत कथा क्या कहती है, पूजा की विधि क्या है, और इस व्रत को करने से क्या लाभ मिलते हैं:
वैभव लक्ष्मी व्रत कथा का सार:
पौराणिक कथाओं (Pauranik Katha of Vaibhav Laxmi) में इस व्रत का गहरा महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि इस कथा में एक गृहिणी की कहानी (Story of Vaibhav Laxmi Vrat) है, जिसके पति को जेल हो जाती है और परिवार की आर्थिक स्थिति पूरी तरह टूट जाती है. जब उस महिला ने पूरी श्रद्धा और विश्वास (Shraddha aur Vishwas) के साथ माता लक्ष्मी की सच्चे मन से पूजा और वैभव लक्ष्मी व्रत की शुरुआत की, तो धीरे-धीरे उनके दिन फिर गए. माँ लक्ष्मी ने उसकी हर परेशानी दूर (Dur Hoti Hai Pareshani) की और जल्द ही उनका घर धन-धान्य से भर गया.
इस कथा का सार यही है कि जो व्यक्ति लालच और छल-कपट से दूर रहकर परम विश्वास के साथ इस व्रत को करता है, माता रानी उस पर विशेष आशीर्वाद देती हैं.
व्रत और पूजन की सरल विधि (Vaibhav Laxmi Vrat Puja Vidhi):
- शाम की पूजा: वैभव लक्ष्मी का व्रत आमतौर पर शाम को किया जाता है. इसलिए शाम को स्नान आदि करके पूजा की तैयारी करें.
- मूर्ति की स्थापना: एक साफ़ चौकी पर माँ लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति (Maa Laxmi idol or picture) रखें. इसके पास श्री यंत्र या महालक्ष्मी यंत्र रखना भी शुभ माना जाता है.
- कलश स्थापना: एक छोटे कलश में अक्षत (चावल) और पानी भरकर रखें, जो समृद्धि का प्रतीक होता है.
- श्रृंगार: माँ को लाल या गुलाबी रंग का आसन दें, लाल फूल, सिंदूर, और खासकर गुलाबी या लाल कपड़े की माला (Red Flower Mala) अर्पित करें.
- कथा का पाठ: पूजा शुरू होने पर सबसे पहले वैभव लक्ष्मी व्रत की कथा (Vrat Katha Ka Path) ध्यान से पढ़ें या सुनें.
- भोग और दान: खीर, सफेद मिठाई या मीठा प्रसाद अर्पित करें. भोग लगाने के बाद, प्रेम से माँ लक्ष्मी की आरती (Laxmi Aarti) करें और उस दिन प्रसाद लोगों में बांटें.
इस पवित्र व्रत (Pavitra Vrat) को लगातार 11 या 21 शुक्रवार (11/21 Shukrawar Vrat) तक करना शुभ माना जाता है. माँ वैभव लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए यह सबसे आसान और कारगर रास्ता है.
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