Uttar Pradesh Flood : पूर्वांचल में गंगा का कहर जारी, वाराणसी में हालात बेकाबू, गलियों में घुसा बाढ़ का पानी
News India Live, Digital Desk: Uttar Pradesh Flood : पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश और बांधों से छोड़े जा रहे पानी के कारण पूर्वांचल में गंगा एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं. खास तौर पर वाराणसी में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जहां गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रहा है. पिछले दो महीनों में यह पांचवीं बार है जब वाराणसी के लोगों को ऐसी भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है, जिसने जन-जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है
घाट डूबे, गलियों में पहुंचा पानी
सोमवार सुबह तक गंगा का जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था, जिससे शहर के सभी 84 घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. घाटों से पानी अब गलियों और रिहायशी इलाकों में घुसने लगा है दशाश्वमेध और अस्सी जैसे प्रमुख घाटों पर पानी सड़कों तक पहुंच गया है, जिससे लोगों की आवाजाही मुश्किल हो गई है. गंगा में पलट प्रवाह के कारण सहायक नदी वरुणा भी उफान पर है, जिसके चलते वरुणा किनारे बसे आठ से ज्यादा मोहल्लों के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है
जन-जीवन ठप, पलायन को मजबूर लोग
बाढ़ की वजह से वाराणसी में पिछले लगभग 55 दिनों से नावों का संचालन पूरी तरह से बंद है, जिससे नाविकों और पर्यटन पर आश्रित हजारों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. गंगा किनारे के निचले इलाकों में रहने वाले लोग अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों और प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं हालात इतने खराब हैं कि विश्व प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए जगह नहीं बची है और लोगों को छतों पर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है गंगा आरती भी अब घाटों की बजाय छतों पर ही सीमित संख्या में हो रही है.
पूर्वांचल के अन्य जिलों में भी स्थिति गंभीर
वाराणसी के अलावा बलिया, गाजीपुर, चंदौली और मिर्जापुर में भी गंगा के बढ़े जलस्तर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. बलिया में गंगा पहले से ही खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है और फसलें बर्बाद हो गई हैं.प्रशासन ने सभी प्रभावित जिलों में राहत और बचाव दलों को तैनात कर दिया है और लोगों से लगातार सतर्क रहने की अपील की जा रही है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान और नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आने वाले कुछ दिन पूर्वांचल के लिए भारी चुनौतियों से भरे हो सकते हैं.
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