US Gold Card: अब अमेरिका में बसना हुआ अमीरों का खेल? ट्रंप लाए 'गोल्ड कार्ड' और 'प्लेटिनम वीज़ा', कीमत सुनकर चौंक जाएँगे!
US Residency Fee: वीज़ा की लंबी लाइनें, मुश्किल इंटरव्यू और सालों का इंतज़ार... भूल जाइए! अगर डोनाल्ड ट्रंप की चली तो अब अमेरिका में बसने के लिए सिर्फ़ एक चीज़ की ज़रूरत होगी - पैसा!
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी "अमेरिका फ़र्स्ट" नीति को एक नए और चौंकाने वाले लेवल पर ले जाते हुए एक ऐसे प्लान का खुलासा किया है, जिससे अमेरिका में एंट्री का पूरा सिस्टम ही बदल सकता है। उन्होंने अमीर विदेशियों के लिए "पेड एंट्री" यानी पैसे देकर बसने का एक नया रास्ता सुझाया है।
क्या है ट्रंप का 'VIP एंट्री' प्लान?
ट्रम्प ने दो नए कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव दिया है:
- गोल्ड कार्ड (Gold Card): यह उन बेहद अमीर लोगों के लिए होगा जो अमेरिका में भारी निवेश करने को तैयार हैं। यह एक तरह का वीआईपी पास होगा।
- प्लेटिनम वीज़ा (Platinum Visa): यह सबसे बड़ा दांव है। ट्रंप ने कहा है कि जो कोई भी 10 लाख डॉलर (यानी लगभग 8.5 करोड़ रुपये) का भुगतान करेगा, उसे सीधे अमेरिका में बसने का अधिकार, यानी ग्रीन कार्ड (US Residency) दिया जा सकता है।
सोच में दोहरा मापदंड?
ट्रंप का यह प्लान बहुत बड़ा विरोधाभास पैदा करता ਹੈ।
- एक तरफ़, वो H-1B जैसे वीज़ा को मुश्किल और बेहद महँगा बना रहे हैं, जिससे भारत के पढ़े-लिखे पेशेवर लोगों के लिए रास्ते बंद हो रहे हैं। उनका तर्क है कि ये लोग अमेरिकियों की नौकरियां छीन रहे हैं।
- वहीं दूसरी तरफ़, वो दुनिया भर के अमीर लोगों के लिए लाल कालीन बिछा रहे हैं। उनका संदेश साफ़ है: अगर आपके पास टैलेंट है, तो शायद आपके लिए जगह नहीं है, लेकिन अगर आपके पास करोड़ों रुपये हैं, तो अमेरिका आपके स्वागत के लिए तैयार है।
क्या है इस प्लान के पीछे की सोच?
ट्रंप का मानना है कि अमेरिका को ऐसे प्रवासियों की ज़रूरत है जो देश की अर्थव्यवस्था में सीधे निवेश कर सकें। उनका कहना है कि इस "भुगतान प्रवेश" से आने वाला पैसा देश के विकास में लगाया जाएगा।
यह योजना अमेरिका की उस पारंपरिक पहचान को पूरी तरह से बदल सकती है, जिसने इसे "अवसरों की भूमि" के रूप में देखा है, जहाँ कोई भी कड़ी मेहनत और प्रतिभा से सफल हो सकता है। अब ऐसा लग रहा है कि अमेरिका में ट्रंप की सफलता की पहली शर्त पैसा ही होगा।
यह सिर्फ़ एक चुनावी वादा है, लेकिन अगर यह हकीकत बन जाता है, तो यह दुनिया भर के लोगों, खासकर भारतीयों के लिए अमेरिका जाने के मायने हमेशा के लिए बदल देगा।
--Advertisement--