UPI new rules 2025 : आपकी हर ट्रांजेक्शन पर सीधा असर, जानिए बदले क्या-क्या रूल
UPI new rules 2025 : क्या आप रोज़ UPI (Google Pay, PhonePe, Paytm, BHIM आदि) से पैसे भेजते, बैलेंस चेक करते या ऑटोपे चलाते हैं? तो अगस्त 2025 से लागू हुए NPCI के ये नए नियम जानना आपके लिए बेहद जरूरी है! पढ़िए इस आसान गाइड में—UPI के कौन-कौन से रूल बदले, इससे आम यूजर और बिज़नेस को क्या फर्क पड़ेगा, और किन पर लगेगी सख्ती:
नए UPI नियम: 1 अगस्त 2025 से क्या-क्या बदला?
1. बैलेंस चेक लिमिट
अब हर UPI ऐप (जैसे GPay, PhonePe, आदि) से केवल 50 बार प्रतिदिन ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेंगे।
लिमिट पूरी करने पर उस ऐप में 24 घंटे तक बैलेंस चेक बंद रहेगा।
हर सफल ट्रांजेक्शन के साथ आपकी उपलब्ध बैलेंस ऑटोमैटिकली स्क्रीन पर दिखेगी, ताकि बार-बार चेक करने की जरुरत ही न पड़े।
2. Linked Bank Account लिस्टिंग/व्यू लिमिट
एक दिन में एक ऐप के जरिए 25 बार ही बैंक अकाउंट्स की सूची देख सकते हैं।
बार-बार फेल होने पर भी नए राउंड में केवल ग्राहक की मंजूरी के बाद ही फिर प्रयास किया जा सकता है।
3. ऑटो-पे / मांडेट: टाइम स्लॉट व रिट्राई लिमिट
सभी recurring payments (EMI, बिल, subscription) सिर्फ non-peak hours (सुबह 10 बजे से पहले या रात 9:30 बजे के बाद) में प्रोसेस होंगी।
एक ऑटो डेबिट के लिए कुल 4 प्रयास (1 ओरिजिनल + 3 रीट्राई) ही होंगे। इसमें भी समय फिक्स रहेगा।
Peak hours: सुबह 10–1 और शाम 5–9:30 बजे माना गया है।
4. Inactive UPI ID Deactivation
यदि कोई UPI ID 12 महीनों से एक्टिव नहीं है, तो उसे अपने-आप डिसेबल कर दिया जाएगा। यह मोबाइल नंबर के दोबारा इस्तेमाल पर फ्रॉड रोकने के लिए है।
5. बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन और API स्पीड
नए बैंक अकाउंट जोड़ने पर और भी सख्त वेरिफिकेशन होगा।
UPI APIs को अब 10 सैकंड में रिस्पांस देना जरूरी (पहले 30 सेकंड था)—ऐसा नहीं करने पर ऐप्स पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
6. UPI से क्रेडिट लाइन पेमेंट भी संभव
31 अगस्त 2025 से, बैंक या NBFC द्वारा प्री-एप्रूव क्रेडिट लाइन से भी UPI पेमेंट और निकासी कर सकते हैं (जिसके अलग लिमिट और चार्ज होंगे)।
7. Transaction Limits और Existing Features
अभी सामान्य यूजर के लिए पर डे ₹1 लाख की UPI ट्रांजेक्शन लिमिट जारी है।
ट्रांजेक्शन पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं है; केवल बैंक/ऐप को UPI लेन-देन पर बदलाव करने होंगे।
क्यों लाए गए ये नियम?
UPI का लोड जून 2025 में 18.4 अरब ट्रांजेक्शन तक पहुंच गया।
बैकएंड सर्वर, API लोड, फेल ट्रांजेक्शन और फर्जीवाड़ा काफी बढ़ गए थे।
नए नियम – सिस्टम को फास्ट, सिक्योर, और स्केलेबल बनाने के लिए हैं।
किस पर पड़ेगा इनका असर?
अगर आप रोज बहुत बार बैलेंस पूछते हैं – अब लिमिट का ध्यान रखना होगा।
बिजनेस या ऑटो डेबिट वाले ग्राहकों को अपने पेमेंट टाइमिंग बदलनी होगी।
नंबर चेंज या गैर-एक्टिव यूजर्स को नए रजिस्ट्रेशन व KYC प्रोसेस स्ट्रिक्ट मिलेगी।
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