Unsuccessful Candidates : सिविल सेवा में चयन नहीं हुआ तो क्या अब प्राइवेट कंपनियां देंगी IAS लेवल के जॉब
News India Live, Digital Desk: Unsuccessful Candidates : हर साल लाखों युवा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं, जिनमें से कुछ ही अपने सपनों को साकार कर पाते हैं। कई मेहनती और मेधावी उम्मीदवार लिखित परीक्षा यानी मेन्स पास करने के बाद भी इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाते और सरकारी नौकरी पाने का उनका सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे में वे अक्सर सोचते हैं कि उनकी सारी मेहनत और ज्ञान शायद व्यर्थ चला गया, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है! यूपीएससी ने ऐसे ही उम्मीदवारों के लिए एक बेहतरीन पहल की है, जिससे उन्हें निजी क्षेत्र में उच्च पदों पर शानदार अवसर मिल सकते हैं।
यूपीएससी ने 'सार्वजनिक प्रकटीकरण योजना' (Public Disclosure Scheme) नाम की एक अनूठी योजना शुरू की है। यह योजना उन उम्मीदवारों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम चरण तक तो पहुंचे, पर किसी कारणवश अंतिम चयन सूची में जगह नहीं बना पाए। इस योजना के तहत, यूपीएससी उम्मीदवारों को अपनी जानकारी सार्वजनिक करने का विकल्प देता है। यदि उम्मीदवार अपनी सहमति देते हैं, तो यूपीएससी उनकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराता है।
इस जानकारी में उम्मीदवार का नाम, पता, संपर्क विवरण, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में प्राप्त अंक, उनकी शैक्षणिक योग्यता और यदि कोई कार्य अनुभव है, तो वह भी शामिल होता है। यह सारी जानकारी यूपीएससी के एक विशेष पोर्टल पर निजी क्षेत्र की कंपनियों और संगठनों के लिए उपलब्ध कराई जाती है। यह योजना 2017 में शुरू हुई थी और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन अत्यधिक योग्य और अनुभवी उम्मीदवारों की प्रतिभा का सही उपयोग हो सके।
निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। उन्हें एक ऐसा पूल मिलता है जहाँ से वे अत्यधिक बुद्धिमान, अनुशासित, मेहनती और समर्पित व्यक्तियों को आसानी से नियुक्त कर सकते हैं। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों में गजब की बौद्धिक क्षमता, दबाव में काम करने की क्षमता और समस्याओं को सुलझाने का कौशल होता है, जो किसी भी संगठन के लिए बेहद मूल्यवान है। कंपनियां इस पोर्टल से जानकारी प्राप्त कर ऐसे उम्मीदवारों को सीधे अपने यहां वरिष्ठ स्तर के पदों के लिए नौकरी के प्रस्ताव दे सकती हैं।
यह जानकारी पोर्टल पर दो साल तक उपलब्ध रहती है, और यदि कोई उम्मीदवार चाहे तो वह अपनी सहमति कभी भी वापस ले सकता है। इस योजना से न केवल उन उम्मीदवारों को दूसरा मौका मिलता है, बल्कि देश के समग्र मानव संसाधन का भी बेहतर उपयोग होता है, जिससे अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंचता है। यह साबित करता है कि सरकारी नौकरी न मिलने का मतलब यह नहीं कि आप अयोग्य हैं, बल्कि यह एक नए रास्ते पर आगे बढ़ने का अवसर भी हो सकता है।
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