Unique custom in Sawan: नाग पंचमी 2025 पर क्यों पीटी जाती हैं गुड़ियों को लाठियां
News India Live, Digital Desk: Unique custom in Sawan: सावन माह में पड़ने वाली नाग पंचमी केवल सांपों की पूजा का पर्व नहीं है बल्कि इससे जुड़ी एक अनोखी परंपरा गुड़िया महोत्सव भी है जहाँ गुड़ियों को डंडों से पीटने का रिवाज है। यह परंपरा एक दर्दनाक लेकिन दिलचस्प लोककथा से जुड़ी हुई है जो भाई-बहन के प्रेम और सांपों के प्रति आस्था को दर्शाती है। यह महोत्सव खासकर उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में प्रचलित है।
गुड़िया महोत्सव की कहानी:
लोककथा के अनुसार, एक गांव में एक भाई-बहन रहते थे। एक दिन, जब भाई तालाब में स्नान कर रहा था, तब एक सांप ने उस पर हमला कर दिया। बहन ने अपने भाई को बचाने के लिए साहस दिखाते हुए, वहीं पड़े एक डंडे से उस सांप को मार डाला। हालाँकि, बाद में उसे अपनी इस हरकत का गहरा पछतावा हुआ, क्योंकि सांप को मारना पाप माना जाता है, खासकर सावन माह में। लेकिन भाई के जीवन को बचाना उसकी प्राथमिकता थी।
जब उसकी भाभी को इस घटना का पता चला, तो उन्होंने सलाह दी कि सांप के परिवार के गुस्से से बचने और पाप का प्रायश्चित करने के लिए कुछ करना होगा। तब से, यह परंपरा शुरू हुई कि नाग पंचमी से एक दिन पहले, या उसी दिन, लड़कियां कपड़े या पुरानी साड़ियों से गुड़िया बनाती हैं और उन्हें गलियों व चौराहों पर रखती हैं। अगले दिन, वे समूह में गुड़ियों को डंडों से पीटती हैं, जैसे कि वे अनजाने में सांप को मारने का प्रतीक हो।
यह रस्म अनजाने में हुए पाप के प्रायश्चित और सांपों के प्रति सम्मान दर्शाने का एक तरीका माना जाता है। गुड़ियों को पीटकर एक प्रतीकात्मक सजा दी जाती है ताकि वास्तविक सांपों को शांत किया जा सके। इस दिन, लोग सांपों को दूध चढ़ाते हैं, उनका सम्मान करते हैं और उनसे अपने परिवार की रक्षा का आशीर्वाद मांगते हैं। गुड़िया महोत्सव नाग पंचमी से जुड़ी एक अनूठी प्रथा है, जो सांपों के प्रति भय और श्रद्धा के साथ-साथ भाई-बहन के अटूट प्रेम को भी दर्शाती है। यह हमें प्रकृति और जीवों के साथ सामंजस्य स्थापित करने की भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों की याद दिलाती है।
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