TV Serial Drama : क्योंकि सास भी कभी बहू थी, तुलसी का संसार उजड़ा? मिहिर ने धोखे से तोड़ दिया उनका भरोसा
News India Live, Digital Desk: TV Serial Drama : टीवी सीरियल की दुनिया में ऐसा कम ही होता है जब कोई किरदार दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज करे. ऐसा ही एक शो था 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', जिसने हर घर में अपनी पहचान बनाई थी. इस शो के किरदारों, खासकर तुलसी (Tulsi Virani) और मिहिर (Mihir Virani), को दर्शक आज भी भूले नहीं हैं. शो का हर ट्विस्ट फैंस को चौंका देता था. अब, अगर हम शो के एक ऐसे ही बड़े और झकझोर देने वाले पल की बात करें, जब मिहिर ने तुलसी के साथ धोखा किया था, तो यह कहानी ने एक ऐसा मोड़ ले लिया था, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया था.
कहानी में, मिहिर अपनी आदर्श पत्नी तुलसी और खुशहाल परिवार के होते हुए भी, किसी और महिला 'परidhi' के प्यार में पड़ जाता है. मिहिर का यह फैसला दर्शकों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था, क्योंकि सालों तक उन्हें एक आदर्श बेटे और पति के तौर पर दिखाया गया था. मिहिर का यह कदम पूरी विरानी परिवार में तहलका मचा देता है.
तुलसी पर टूटा दुखों का पहाड़:
जिस तुलसी ने पूरे परिवार को जोड़ कर रखा था और जिसे आदर्श बहू और पत्नी माना जाता था, उनके लिए यह बहुत बड़ा सदमा था. उनका पूरी तरह टूट जाना और इस धोखे को झेलना, दर्शकों के लिए भी भावुक पल था. उनकी वफादारी और विश्वास की परख इस समय हुई. एक तरह से, इस घटना ने तुलसी के मजबूत चरित्र को और निखार दिया, क्योंकि वह मुश्किल घड़ी में भी खड़ी रहीं और परिवार को टूटने से बचाया.
परidhi का चरित्र चित्रण:
दूसरी तरफ़, मिहिर की ज़िंदगी में आने वाली परidhi के किरदार को भी इसी घटना के कारण दर्शकों की नज़रों में नकारात्मक तरीके से पेश किया गया. उसे अक्सर 'घर तोड़ने वाली' या 'दुष्ट औरत' के तौर पर दिखाया गया. यह टीवी सीरियल्स में अक्सर होता है कि जब किसी हीरो का ऐसे नकारात्मक रोल में आना हो तो दूसरे किरदारों को भी उसकी राह में खड़ा दिखा दिया जाता है. यह सब टीआरपी और ड्रामा के लिए ही किया जाता था. इस मोड़ ने दिखाया कि कैसे प्रेम और रिश्ते की उलझनें परिवार में तनाव पैदा कर सकती हैं और रिश्तों की गहरी बुनियाद को भी हिला सकती हैं.
आज भी इस ट्विस्ट को याद किया जाता है जब मिहिर और परidhi की कहानी ने शो में जबरदस्त बदलाव ला दिया था, जिसने दर्शकों को टेलीविजन से चिपकाए रखा था. यह बताता है कि 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सिर्फ एक सीरियल नहीं, बल्कि भारतीय घरों में भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन गया था.
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