Trump's new Trade Policy: अफ्रीका और कैरिबियन जैसे छोटे देशों पर 10% से अधिक आयात शुल्क लगाने की तैयारी

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News India Live, Digital Desk: डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका की राजनीतिक गलियों में फिर से धूम मचा रहे हैं, और उनके साथ लौट रही है 'अमेरिका फर्स्ट' की उनकी वही पुरानी सोच, जिसके तहत व्यापार और अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। ताजा रिपोर्ट्स और अटकलें बता रही हैं कि अगर वह फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो उनका अगला बड़ा कदम अफ्रीका और कैरिबियन जैसे छोटे और विकासशील देशों पर 10% से भी ज़्यादा के आयात शुल्क लगाना हो सकता है।

इस संभावित कदम के पीछे ट्रंप का मुख्य लक्ष्य अपने देश के उद्योगों और कामगारों को संरक्षण देना है। उनका मानना है कि ऊँचे टैरिफ लगाने से अमेरिकी कंपनियों को अपनी घरेलू उत्पादकता बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा और बाहरी प्रतिस्पर्धा से भी बचाव होगा। यह नीति सिर्फ़ आयातित सामानों पर ही लागू नहीं होगी, बल्कि यह एक तरह का राजनीतिक दबाव भी बनाएगी ताकि व्यापार समझौतों को अमेरिका के हक़ में लाया जा सके।

इससे पहले, अपने पिछले कार्यकाल में भी ट्रंप ने चीन सहित कई बड़े व्यापारिक भागीदारों पर भारी शुल्क लगाए थे, जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खासा असर पड़ा था। हालांकि, इन नए शुल्कों से विशेष रूप से अफ्रीकी और कैरिबियन देशों जैसी छोटी अर्थव्यवस्थाओं को गंभीर नुकसान पहुँचने की आशंका है। ये देश अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और गरीबी से लड़ने के लिए निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। यदि इन पर भारी टैरिफ लगाए जाते हैं, तो उनके उत्पादों के लिए अमेरिकी बाज़ार तक पहुँच बनाना मुश्किल हो जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक वृद्धि बाधित हो सकती है।

कुल मिलाकर, अगर ट्रंप फिर सत्ता में आते हैं और अपनी इस 'टैरिफ' नीति को लागू करते हैं, तो इसका असर केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह दुनिया भर की छोटी अर्थव्यवस्थाओं और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधों पर भी एक बड़ी चोट कर सकता है।

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