Trump's big attack on medicines: Pharma कंपनियों पर लगेंगे भारी टैरिफ उत्पादन देश में वापस लौटेगा

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News India Live, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवा उद्योग को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण ऐलान किया है। उन्होंने हाल ही में इस बात की पुष्टि की है कि यदि वह दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो महीने के अंत तक फार्मास्यूटिकल कंपनियों पर कड़ा टैरिफ लागू करने का निर्णय लिया जाएगा। यह कदम उनकी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा होगा, जिसका लक्ष्य देश में दवाओं के उत्पादन को वापस लाना और हजारों नौकरियां पैदा करना है।

ट्रंप ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिकी कंपनियां फिलहाल विदेशों, विशेषकर चीन में, दवा उत्पादन करने पर मजबूर हैं क्योंकि वहां श्रम सस्ता है और नियम उतने कड़े नहीं हैं। उनके अनुसार, इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है और देश में फार्मास्यूटिकल उद्योग का विकास बाधित हो रहा है।

उन्होंने अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि वे विदेशों से आयात होने वाली फार्मास्यूटिकल दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे। ट्रंप का मानना है कि यह कठोर शुल्क कंपनियों को मजबूर करेगा कि वे अपने उत्पादन को वापस संयुक्त राज्य अमेरिका ले आएं। इससे अमेरिकी भूमि पर दवाओं का निर्माण बढ़ेगा और इससे जुड़े नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि उनका यह फैसला अमेरिकी नागरिकों को दवाओं के निर्माण में सीधे तौर पर शामिल करेगा और विदेशी निर्भरता को कम करेगा।

पूर्व राष्ट्रपति ने पहले भी बिडेन प्रशासन पर इस बात का आरोप लगाया था कि उन्होंने न केवल दवाओं की कीमतें बढ़ने दीं, बल्कि चीनी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए फार्मास्यूटिकल निर्माण को चीन में धकेला। ट्रंप का उद्देश्य एक ऐसा वातावरण तैयार करना है जहां अमेरिकी फार्मा कंपनियां देश के भीतर ही पूरी तरह से प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बन सकें।

हालांकि, इस फैसले का सीधा असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है, क्योंकि भारी टैरिफ के कारण दवाएं महंगी होने की आशंका है। इसके बावजूद, ट्रंप अपनी नीति पर कायम हैं कि घरेलू उत्पादन को प्राथमिकता देने से दीर्घकालिक राष्ट्रीय और आर्थिक लाभ होंगे। यह कदम भारत जैसे देशों के लिए एक वैकल्पिक उत्पादन केंद्र के रूप में भी अवसर पैदा कर सकता है, हालांकि ट्रंप का प्राथमिक ध्यान पूरी तरह से अमेरिकी घरेलू उत्पादन पर केंद्रित रहेगा।

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