कल भगवान विष्णु बदलेंगे करवट, इस खास एकादशी पर ये 5 उपाय हर अधूरी इच्छा करेंगे पूरी
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत सबसे महत्वपूर्ण और फलदायी माना जाता है. हर महीने दो एकादशी आती हैं, लेकिन 3 सितंबर 2025, बुधवार को पड़ने वाली एकादशी बेहद खास और चमत्कारी है. इस एकादशी का नाम है परिवर्तिनी एकादशी.
नाम से ही ज़ाहिर है कि इस दिन कुछ 'परिवर्तन' होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में लीन रहते हैं. इसी योग निद्रा के दौरान इस दिन श्री हरि विष्णु अपनी करवट बदलते हैं, इसीलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन सच्चे मन से की गई पूजा और कुछ छोटे-छोटे उपाय आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं.
क्यों इतनी महत्वपूर्ण है यह एकादशी?
परिवर्तिनी एकादशी को पद्मा एकादशी और वामन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. यह वह दिन है जब सोए हुए श्री हरि विष्णु करवट बदलते हैं, जिससे भक्तों पर उनकी कृपा दृष्टि और भी बढ़ जाती है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस दिन किए गए उपायों से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
व्रत का शुभ मुहूर्त
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 2 सितंबर 2025, मंगलवार
- एकादशी तिथि समाप्त: 3 सितंबर 2025, बुधवार सुबह
- व्रत का दिन (उदयातिथि अनुसार): 3 सितंबर 2025, बुधवार
- व्रत पारण (खोलने का समय): 4 सितंबर 2025, गुरुवार सुबह
इस दिन ज़रूर करें ये 5 अचूक उपाय
- केसर वाले दूध का भोग: इस दिन भगवान विष्णु को केसर मिला हुआ दूध अर्पित करें. इससे भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा भी आप पर बनी रहती है.
- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप: यह भगवान विष्णु का मूल मंत्र है. परिवर्तिनी एकादशी के दिन स्नान के बाद तुलसी की माला से इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. यह आपके मन को शांति देगा और हर संकट से आपकी रक्षा करेगा.
- पीली वस्तुओं का दान: ज्योतिष में पीला रंग भगवान विष्णु से जुड़ा है. इस दिन किसी गरीब या ज़रूरतमंद को अपनी क्षमता के अनुसार पीली चीज़ों (जैसे पीले फल, चने की दाल, पीले वस्त्र) का दान करें. इससे गुरु ग्रह भी मज़बूत होता है.
- शाम को तुलसी जी की पूजा: शाम के समय तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का एक दीपक ज़रूर जलाएं. तुलसी जी को विष्णु प्रिया कहा जाता है, इनकी पूजा से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती.
- पीले फूल अर्पित करें: पूजा के समय भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को पीले फूल, विशेषकर गेंदे के फूल ज़रूर चढ़ाएं. इससे वे प्रसन्न होते हैं और आपकी हर अधूरी इच्छा को पूरा करने का आशीर्वाद देते हैं.
सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से किए गए ये छोटे-से उपाय भी आपके जीवन में एक बड़ा और सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं.
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