बिहार सरकार का ये धांसू नियम? अब अपार्टमेंट में घर लेना होगा बेहद आसान, म्यूटेशन का झंझट खत्म
News India Live, Digital Desk: हम सब जानते हैं कि घर खरीदना एक सपना होता है, लेकिन कागज़ी कार्यवाही, खासकर ज़मीन-जायदाद से जुड़े दस्तावेज़ों को समझना और सही रखना, अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. बिहार में अपार्टमेंट में फ़्लैट लेने वाले लोग अकसर 'जमाबंदी' और म्यूटेशन को लेकर परेशान रहते थे, लेकिन अब सरकार ने एक ऐसा बड़ा कदम उठाया है, जिससे उनकी ये टेंशन लगभग खत्म हो जाएगी! बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक नया नियम बनाया है, जिसके तहत अब पूरे अपार्टमेंट की ज़मीन के लिए सिर्फ एक ही 'जमाबंदी' होगी. ये फ़्लैट मालिकों के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर है!
क्या है ये नया नियम और कैसे बदलेगी चीज़ें?
दरअसल, अभी तक अपार्टमेंट के बनने के बाद उसकी पूरी ज़मीन को टुकड़ों में या कई बार कॉमन एरिया को बिल्डर के नाम पर म्यूटेट करा लिया जाता था, जिससे बाद में फ़्लैट मालिकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. संपत्ति विवाद या धोखाधड़ी की आशंका भी बनी रहती थी.
लेकिन, अब बिहार सरकार के नए नियम के बाद पूरे अपार्टमेंट के प्लॉट की ज़मीन एक ही 'जमाबंदी' के तहत रखी जाएगी. यानी, जिस प्लॉट पर पूरा अपार्टमेंट बना है, उस प्लॉट की पूरी ज़मीन की एक ही जमाबंदी होगी. अब इसके लिए अलग से कोई भाग नहीं कराया जाएगा और न ही अपार्टमेंट के सामान्य क्षेत्रों जैसे लिफ्ट, सीढ़ी, पार्किंग वगैरह के लिए कोई अलग से म्यूटेशन (दाखिल खारिज) कराने की ज़रूरत पड़ेगी.
तो फिर आपके नाम कैसे होगा?
विभाग ने ये भी साफ़ किया है कि जब कोई व्यक्ति फ़्लैट की रजिस्ट्री कराएगा, तो सब रजिस्ट्रार कार्यालय सीधे उसी फ़्लैट मालिक का नाम रजिस्टर करेगा. इस नियम के बाद जब पहली बार फ़्लैट की बिक्री होगी, तो सर्किल ऑफिस सीधे उस ख़रीदार का नाम चढ़ाएगा. और अगर भविष्य में उसी फ़्लैट को दोबारा बेचा जाता है, तो फिर से नया खरीदार सर्किल ऑफिस से अपने नाम पर आसानी से म्यूटेशन करवा पाएगा.
इस फैसले से बिहार में संपत्ति का पंजीकरण और दाखिल-खारिज का काम काफ़ी आसान हो जाएगा. उम्मीद है कि इससे प्रॉपर्टी के मामले ज़्यादा पारदर्शी बनेंगे और फ़्लैट से जुड़े ज़मीन विवादों में भी कमी आएगी. यह फैसला वाकई उन हजारों लोगों के लिए राहत लेकर आया है, जो अपनी मेहनत की कमाई से अपार्टमेंट में अपना आशियाना बनाने का सपना देखते हैं. इससे बिहार रियल एस्टेट सेक्टर में भी विश्वास बढ़ने की उम्मीद है.
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