आपकी ये 10 नॉर्मल आदतें अंदर से आपको खोखला कर रही हैं, आयुर्वेद ने दी चेतावनी

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News India Live, Digital Desk: हम सब सोचते हैं कि हम एक हेल्दी और अच्छी जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी कुछ रोजमर्रा की आदतें, जो हमें बिल्कुल सामान्य लगती हैं, असल में हमारी सेहत को अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचा रही हैं? आयुर्वेद, जो हजारों साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है, ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में चेतावनी देता है, जिन्हें हम जाने-अनजाने में हर दिन दोहराते हैं.

चलिए जानते हैं उन कुछ आम गलतियों के बारे में, जिनसे हमें बचने की जरूरत है:

1. खाने के साथ या तुरंत बाद ठंडा पानी पीना: यह हमारी सबसे आम गलतियों में से एक है. आयुर्वेद के अनुसार, खाने के समय हमारी पाचन अग्नि (जठराग्नि) तेज होती है. ठंडा पानी पीने से यह अग्नि बुझ जाती है, जिससे खाना ठीक से पच नहीं पाता और पेट में सड़ने लगता है. इसी से गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं होती हैं.

2. शरीर के प्राकृतिक वेगों को रोकना: छींक, जम्हाई, मल-मूत्र त्यागना या आंसू आना, ये सब शरीर के प्राकृतिक संकेत हैं. आयुर्वेद कहता है कि इन्हें कभी भी रोकना नहीं चाहिए. इन्हें रोकने से शरीर के अंदर गंदगी (टॉक्सिन्स) जमा होने लगती है, जो आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बनती है.

3. भूख न लगने पर भी खाना: अक्सर हम समय देखकर या किसी के कहने पर खा लेते हैं, भले ही हमें भूख न लगी हो. यह एक बहुत बड़ी गलती है. बिना भूख के खाया गया भोजन शरीर पर बोझ बनता है और ठीक से पचता नहीं है, जिससे मोटापा और पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं.

4. देर रात में भारी भोजन करना: आयुर्वेद के अनुसार, सूरज ढलने के बाद हमारी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. ऐसे में देर रात में भारी खाना खाने से वह ठीक से पचता नहीं है, जो नींद खराब करने और वजन बढ़ने का मुख्य कारण है.

5. गलत फूड कॉम्बिनेशन: कुछ चीजों को एक साथ खाना सेहत के लिए जहर समान हो सकता है. जैसे दूध के साथ फल, दही के साथ मछली या दूध के साथ नमकीन चीजें खाना. ऐसे गलत कॉम्बिनेशन से शरीर में विषैले तत्व बनते हैं और त्वचा की समस्याएं व पाचन संबंधी रोग होते हैं.

6. खाने के तुरंत बाद नहाना: खाना खाने के बाद शरीर का ब्लड सर्कुलेशन पेट की ओर बढ़ जाता है ताकि पाचन क्रिया अच्छे से हो. लेकिन तुरंत नहाने से शरीर का तापमान कम हो जाता है और ब्लड सर्कुलेशन शरीर के दूसरे हिस्सों में बंट जाता है, जिससे पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है.

इन छोटी-छोटी आदतों को सुधारकर हम एक लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं. आयुर्वेद सिर्फ बीमारी का इलाज नहीं, बल्कि सही तरीके से जीने की कला सिखाता है.

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