इन गुफाओं का रहस्य आपको हैरान कर देगा, जहाँ से पाताल तक जाता है रास्ता

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अगर आप भीड़-भाड़ और दुनिया के शोर से दूर, कुछ पल सुकून और शांति के बिताना चाहते हैं, तो चित्रकूट से अच्छी जगह और कोई नहीं हो सकती। यह सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक एहसास है। यह वही पवित्र भूमि है, जहाँ भगवान श्री राम ने अपने वनवास के साढ़े ग्यारह साल बिताए थे। यहाँ के कण-कण में आज भी उनकी मौजूदगी महसूस होती है।

चलिए, हम आपको ले चलते हैं चित्रकूट के कुछ ऐसे ही खास स्थानों पर, जहाँ जाकर आपका मन भक्ति और शांति से भर जाएगा।

1. रामघाट - जहाँ मिलती है मन को शांति
चित्रकूट का दिल है रामघाट। मंदाकिनी नदी के किनारे बसा यह घाट वह जगह है, जहाँ कहा जाता है कि भगवान राम रोज़ स्नान किया करते थे। सुबह-शाम नावों पर घूमना और शाम की आरती का नज़ारा देखना, एक ऐसा अनुभव है जो सारी थकान मिटा देता है। यहाँ बैठकर आपको एक अजीब सा सुकून मिलेगा।

2. कामदगिरि पर्वत - जो पूरी करता है हर कामना
यह कोई आम पर्वत नहीं, बल्कि आस्था का केंद्र है। माना जाता है कि इसी पर्वत पर भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने अपनी कुटिया बनाई थी। श्रद्धालु इस 5 किलोमीटर के पर्वत की परिक्रमा लगाते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से परिक्रमा करने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है।

3. हनुमान धारा - अद्भुत और चमत्कारी
पहाड़ की चोटी पर स्थित इस मंदिर का नज़ारा ही अलग है। यहाँ हनुमान जी की मूर्ति के ऊपर पहाड़ से ही एक पवित्र जल की धारा लगातार गिरती रहती है। कहते हैं कि जब हनुमान जी ने लंका में आग लगाई थी, तो उनके शरीर की गर्मी को शांत करने के लिए भगवान राम ने ही यह जलधारा प्रकट की थी। यहाँ तक पहुँचने की चढ़ाई थोड़ी थका सकती है, लेकिन ऊपर पहुँचकर जो शांति मिलती है, वो सब भुला देती है।

4. सती अनसूया आश्रम - प्रकृति की गोद में
घने जंगल के बीच बना यह आश्रम बेहद शांत और सुंदर है। यह वही स्थान है जहाँ माता सती अनसूया अपने पति महर्षि अत्रि के साथ रहती थीं। कहते हैं कि यहीं पर माता सीता को सती अनसूया ने उपदेश दिए थे। यहाँ का शांत वातावरण मन मोह लेता है।

5. गुप्त गोदावरी - रहस्यमयी गुफाएं
यह जगह आपको रोमांच और आश्चर्य से भर देगी। यहाँ दो गुफाएं हैं। एक गुफा सूखी और चौड़ी है, जबकि दूसरी गुफा लंबी और संकरी है, जिसमें हमेशा घुटनों तक पानी भरा रहता है। कहते हैं कि वनवास के समय भगवान राम और लक्ष्मण यहाँ दरबार लगाते थे। गुफा के अंदर का नज़ारा अद्भुत है।

6. स्फटिक शिला - जहाँ प्रेम के पदचिह्न हैं
मंदाकिनी नदी के किनारे मौजूद यह एक शांत और पवित्र शिला (चट्टान) है। माना जाता है कि इसी शिला पर बैठकर भगवान राम और माता सीता प्रकृति की सुंदरता निहारते थे। इस शिला पर आज भी उनके पदचिह्नों को देखा जा सकता है।

चित्रकूट सिर्फ एक घूमने की जगह नहीं, बल्कि अपने अंदर झाँकने और शांति पाने का एक माध्यम है।

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