WTC Final की राह भारत के लिए हुई मुश्किल, क्या अब भी है फाइनल में पहुंचने का कोई रास्ता? समझें पूरा गणित

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News India Live, Digital Desk : क्रिकेट फैंस के लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) किसी वर्ल्ड कप से कम नहीं है. लेकिन कोलकाता में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली हार ने टीम इंडिया के WTC फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को एक बड़ा झटका दिया है. इस हार के बाद भारतीय टीम पॉइंट्स टेबल में नीचे खिसक गई है, जिससे अब फाइनल का सफर पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है. सवाल यह है कि क्या भारत के लिए अब भी फाइनल के दरवाजे खुले हैं? आइए, समझते हैं कि पॉइंट्स टेबल का ताजा हाल क्या है और भारत को फाइनल का टिकट पाने के लिए अब क्या करना होगा.

WTC पॉइंट्स टेबल का मौजूदा हाल

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में टीमों की रैंकिंग सिर्फ जीत या हार से नहीं, बल्कि जीत प्रतिशत (Percentage of Points Won - PCT) से तय होती है. हर जीत, हार और ड्रॉ के बाद यह प्रतिशत बदलता है. कोलकाता में मिली हार के बाद भारत का PCT गिरा है.

WTC अंक तालिका (अनुमानित स्थिति):

  • ऑस्ट्रेलिया: अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर टॉप पर बनी हुई है.
  • दक्षिण अफ्रीका: भारत पर मिली जीत के बाद उनकी स्थिति और भी मजबूत हो गई है और वे टॉप 2 की दौड़ में मजबूती से शामिल हैं.
  • भारत: इस हार के बाद चौथे स्थान पर आ गया है, जिससे उस पर आने वाले मैचों में बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव बढ़ गया है.
  • अन्य टीमें: श्रीलंका, पाकिस्तान और इंग्लैंड जैसी टीमें भी रेस में बनी हुई हैं और किसी भी टीम की एक हार या जीत पूरे समीकरण को बदल सकती है.

क्या है भारत के लिए फाइनल का समीकरण?

गणित के हिसाब से देखें तो भारत अभी भी फाइनल की दौड़ से पूरी तरह बाहर नहीं हुआ है, लेकिन अब यहां से कोई भी गलती करने की गुंजाइश नहीं है. भारत के लिए अब हर मैच एक नॉकआउट मैच की तरह हो गया है.

भारत के बचे हुए मैच:

  • दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ: 1 घरेलू टेस्ट
  • श्रीलंका का दौरा: 2 टेस्ट मैच
  • न्यूजीलैंड का दौरा: 2 टेस्ट मैच
  • ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ: 5 मैचों की महत्वपूर्ण घरेलू सीरीज

फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को क्या करना होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि WTC फाइनल में जगह पक्की करने के लिए किसी भी टीम को लगभग 65-70% का जीत प्रतिशत हासिल करना होता है. इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए भारत को अपने बचे हुए 10 मैचों में से कम से कम 8 मैच जीतने होंगे.

  • सबसे बड़ी चुनौती: भारत के लिए सबसे मुश्किल चुनौती न्यूजीलैंड और श्रीलंका में होने वाली अवे सीरीज (विदेशी धरती पर) होगी. इन देशों में जाकर टेस्ट मैच जीतना कभी भी आसान नहीं होता.
  • ऑस्ट्रेलिया सीरीज तय करेगी भविष्य: इस WTC चक्र में भारत की किस्मत का सबसे बड़ा फैसला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली 5 मैचों की घरेलू सीरीज से होगा. भारत को इस सीरीज में अपना दबदबा दिखाना होगा और ज्यादा से ज्यादा मैच जीतने होंगे.
  • ड्रॉ से भी होगा नुकसान: भारत अब ज्यादा मैच ड्रॉ कराने का जोखिम भी नहीं उठा सकता, क्योंकि ड्रॉ होने पर भी जीत प्रतिशत कम होता है.

निष्कर्ष:

संक्षेप में कहें तो, भारत के लिए WTC फाइनल की राह बेहद कठिन हो गई है. टीम इंडिया को न सिर्फ अपने घर में होने वाले सभी मैच जीतने होंगे, बल्कि विदेशी धरती पर भी जीत का परचम लहराना होगा. रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम को अब यहां से लगभग हर मैच जीतना होगा, तभी वे लगातार तीसरी बार WTC फाइनल खेलने का सपना पूरा कर पाएंगे.

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