शुरू हो रहा है भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय महीना, भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, वरना पुण्य की जगह लगेगा पाप!

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 क्या आप जानते हैं कि साल में एक महीना ऐसा भी आता है जिसे स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अपना स्वरूप बताया है? यह महीना है मार्गशीर्ष, जिसे हम अपनी आम भाषा में अगहन का महीना भी कहते हैं। यह सिर्फ एक महीना नहीं, बल्कि भक्ति, साधना और पुण्य कमाने का एक सुनहरा अवसर है। इस महीने में किए गए छोटे-छोटे काम भी हमें भगवान श्री कृष्ण की कृपा का पात्र बना सकते हैं।

गीता में भगवान कृष्ण ने खुद कहा है, "मासानां मार्गशीर्षोऽहम्", यानी "सभी महीनों में, मैं मार्गशीर्ष हूं।" इससे आप इस महीने की अहमियत का अंदाजा लगा सकते हैं। तो चलिए, जानते हैं कि इस पवित्र महीने में हमें क्या करना चाहिए और किन बातों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

 

इस महीने जरूर करें ये 5 काम, मिलेगी श्रीकृष्ण की कृपा

  1. पवित्र स्नान और मंत्र जाप: अगर संभव हो तो इस महीने में किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर यह मुमकिन नहीं है, तो रोज सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्नान के पानी में थोड़ा गंगाजल मिला लें। इसके बाद "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। यह मन को शांति देगा।
  2. गीता का पाठ: यह महीना भगवद्गीता का पाठ करने के लिए सर्वोत्तम माना गया है। गीता के उपदेश जीवन को सही दिशा देते हैं। रोज एक अध्याय पढ़ने का नियम बनाएं।
  3. शुद्ध और सात्विक भोजन: इस महीने में अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें। शुद्ध और सात्विक भोजन (बिना लहसुन-प्याज का) करें। यह तन और मन, दोनों को पवित्र रखता है।
  4. दीपदान का महत्व: रोज सुबह-शाम अपने घर के मंदिर में और तुलसी जी के पास एक दीपक जरूर जलाएं। माना जाता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
  5. दान और सेवा: इस महीने में जरूरतमंदों की मदद करना, अन्न दान करना या गायों की सेवा करना महापुण्य का काम माना जाता है। अपने सामर्थ्य अनुसार दान अवश्य करें।

 

भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां

  1. जीरे का सेवन न करें: ज्योतिष शास्त्र में मार्गशीर्ष के महीने में जीरे का सेवन वर्जित बताया गया है। इसलिए इस महीने भोजन में जीरे का प्रयोग करने से बचें।
  2. तामसिक भोजन से दूरी: इस पवित्र महीने में मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक भोजन से पूरी तरह दूरी बना लेनी चाहिए।
  3. अपशब्द और निंदा से बचें: किसी के बारे में बुरा बोलना, किसी की चुगली करना या किसी का दिल दुखाना इस महीने में पाप का भागी बनाता है। अपनी वाणी पर संयम रखें।
  4. क्रोध और अहंकार का त्याग: क्रोध और घमंड इंसान के सबसे बड़े दुश्मन हैं। इस महीने में मन को शांत रखने का प्रयास करें और अहंकार को खुद पर हावी न होने दें।
  5. बासी भोजन न करें: सेहत और शास्त्र, दोनों के नजरिए से इस महीने में बासी या ठंडा भोजन करने से बचना चाहिए। हमेशा ताजा बना हुआ भोजन ही ग्रहण करें।

याद रखें, मार्गशीर्ष का महीना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि खुद को आध्यात्मिक रूप से बेहतर बनाने का एक मौका है।

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