पति ने प्यार में पत्नी को गिफ्ट की 6.75 करोड़ की प्रॉपर्टी, पर आयकर विभाग ने थमा दिया नोटिस, जानें आप ये गलती तो नहीं कर रहे?
"मैंने ये घर तुम्हारे नाम किया है।" - यह शायद हर पति का अपनी पत्नी के लिए एक सपना होता है, प्यार और सुरक्षा की भावना जताने का एक खूबसूरत तरीका। लेकिन क्या हो जब यही प्यार का तोहफा आपके लिए एक बड़ी मुसीबत और इनकम टैक्स विभाग के नोटिस का कारण बन जाए? ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी को 6.75 करोड़ रुपये की महंगी प्रॉपर्टी खरीदकर गिफ्ट की, और बदले में पत्नी को आयकर विभाग का नोटिस मिल गया।
यह मामला उन सभी लोगों के लिए एक बड़ी सीख है जो बिना सोचे-समझे अपनी पत्नी या किसी रिश्तेदार के नाम पर बड़ी संपत्ति खरीद लेते हैं। प्यार जताना अच्छी बात है, लेकिन अगर वित्तीय और कानूनी नियमों की अनदेखी की जाए, तो यह प्यार महंगा पड़ सकता है। आइए इस पूरे मामले को समझते हैं और जानते हैं कि आप ऐसी गलती से कैसे बच सकते हैं।
क्या है पूरा मामला और क्यों भेजा गया नोटिस?
मामला एक ऐसे व्यक्ति का है जिसने अपनी पत्नी के नाम पर 6.75 करोड़ रुपये की एक अचल संपत्ति खरीदी। कागजी तौर पर, प्रॉपर्टी की मालकिन पत्नी थीं। जब यह इतनी बड़ी ट्रांजैक्शन आयकर विभाग की नजर में आई, तो उन्होंने सीधे पत्नी को ही नोटिस भेज दिया। नोटिस में उनसे इस प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए इस्तेमाल हुए 6.75 करोड़ रुपये के 'सोर्स ऑफ इनकम' (Source of Income) यानी आय के स्रोत का ब्यौरा मांगा गया।
अब समस्या यह थी कि पत्नी एक गृहिणी (Homemaker) थीं और उनकी अपनी कोई नियमित आय नहीं थी जिससे इतनी बड़ी संपत्ति की खरीद को जायज ठहराया जा सके। जब उन्होंने जवाब दिया कि यह प्रॉपर्टी उनके पति ने गिफ्ट की है, तो आयकर विभाग ने मामले की जांच और गहरी कर दी।
इनकम टैक्स के वो नियम जो आपको पता होने चाहिए
इस मामले में आयकर विभाग ने कई महत्वपूर्ण नियमों के तहत नोटिस भेजा था, जिन्हें जानना हर किसी के लिए ज़रूरी है:
- आय का स्रोत (Source of Income) सबसे ज़रूरी: आयकर कानून का सबसे पहला नियम है कि आप जब भी कोई बड़ी खरीदारी या निवेश करते हैं, तो आपको उसका स्रोत बताना पड़ता है। यानी, आपके पास वो पैसा कहाँ से आया, यह आपको साबित करना होगा। पत्नी के मामले में, उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं था।
- बेनामी संपत्ति का शक (Benami Property Suspicion): जब कोई व्यक्ति अपनी कमाई से किसी और के नाम पर संपत्ति खरीदता है और उस संपत्ति का असल लाभार्थी खुद ही होता है, तो उसे 'बेनामी संपत्ति' माना जा सकता है। इस मामले में, भले ही पति ने प्यार में गिफ्ट दिया हो, लेकिन अगर पत्नी पैसे का स्रोत साबित नहीं कर पाती हैं, तो कानून इसे बेनामी लेनदेन के शक की नजर से देख सकता है।
- आय की क्लबिंग का नियम (Clubbing of Income Provisions): इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 64 के तहत, अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को बिना किसी उचित प्रतिफल (बिना पैसे लिए) के कोई संपत्ति ट्रांसफर करता है, तो उस संपत्ति से होने वाली भविष्य की कोई भी आय (जैसे किराया) पति की आय में ही जोड़ी जाएगी और पति को ही उस पर टैक्स देना होगा।
ऐसी गलती से कैसे बचें? पत्नी को गिफ्ट देने का सही तरीका क्या है?
अगर आप अपनी पत्नी को कोई महंगी प्रॉपर्टी या कोई और संपत्ति गिफ्ट करना चाहते हैं, तो कानूनी झंझटों से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:
- गिफ्ट डीड (Gift Deed) बनवाएं: यह सबसे ज़रूरी कदम है। जब भी आप कोई अचल संपत्ति गिफ्ट करें, तो एक कानूनी 'गिफ्ट डीड' ज़रूर बनवाएं और उसे सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में पंजीकृत कराएं। यह एक पक्का सबूत होता है कि संपत्ति उपहार में दी गई है।
- लेनदेन बैंकिंग चैनल से करें: प्रॉपर्टी का भुगतान हमेशा अपने बैंक खाते से चेक, ड्राफ्ट या ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए करें। कैश लेनदेन से हमेशा बचें। इससे आपके पास एक मजबूत मनी ट्रेल होता है।
- अपने ITR में आय दिखाएं: पति को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी घोषित आय (Declared Income in ITR) इतनी है कि वे इस तरह का महंगा गिफ्ट दे सकें। आपकी कमाई और आपके दिए गए गिफ्ट में तालमेल होना चाहिए।
- पत्नी के ITR में गिफ्ट को दर्शाएं: पत्नी को भी अपने इनकम टैक्स रिटर्न में इस गिफ्ट को 'कर-मुक्त आय' (Tax-Exempt Income) के तौर पर दिखाना चाहिए। रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन उसे ITR में रिपोर्ट करना ज़रूरी है।
संक्षेप में, प्यार और भावनाओं को जताने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन जब बात लाखों-करोड़ों के वित्तीय लेनदेन की हो, तो कानून का पालन करना सर्वोपरि है। थोड़ी सी जागरूकता आपको भविष्य की बड़ी परेशानियों से बचा सकती है।
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