The color of Chhattisgarh was seen at the Chief Minister's residence: पारंपरिक हरेली पर्व का भव्य आयोजन राज्य की उन्नति का संदेश
News India Live, Digital Desk: छत्तीसगढ़ की राजधानी में, मुख्यमंत्री निवास पर 'हरेली' त्योहार की रौनक देखते ही बनती है। यह पारंपरिक उत्सव छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति और उसके गौरव को प्रदर्शित करता है, और इस बार मुख्यमंत्री निवास पर यह त्यौहार न केवल राज्य की परंपराओं को उजागर कर रहा है, बल्कि उसकी निरंतर प्रगति और खुशहाली का संदेश भी दे रहा है।
'हरेली तिहार' छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख कृषि आधारित त्यौहार है, जिसे विशेष रूप से सावन माह में मनाया जाता है। यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है, जहाँ किसान अपनी खेती के औजारों की पूजा करते हैं, अच्छी फसल की कामना करते हैं और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश देते हैं। मुख्यमंत्री निवास पर इस आयोजन को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाता है क्योंकि यह दिखाता है कि राज्य सरकार अपनी जड़ों और संस्कृति से कितनी गहराई से जुड़ी हुई है।
इस मौके पर, मुख्यमंत्री स्वयं 'हरेली' की पारंपरिक 'गेंडी' (बांस से बनी सीढ़ियाँ) पर चढ़े। गेंडी पर चलना एक पुरानी और मनोरंजक परंपरा है जो हरेली पर्व से जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री का यह कार्य प्रतीकात्मक रूप से यह संदेश देता है कि सरकार राज्य को विकास और उन्नति के पथ पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है, ठीक वैसे ही जैसे गेंडी संतुलन और आगे बढ़ने का प्रतीक है। इसके साथ ही, कई अन्य पारंपरिक खेल और लोक-कलाएं भी प्रदर्शित की गईं, जिसने माहौल को और जीवंत बना दिया।
हरेली उत्सव केवल खेती से जुड़ा नहीं है, यह पशुधन के प्रति सम्मान और लोक जीवन में प्रकृति की भूमिका को भी दर्शाता है। यह त्यौहार गोबर का महत्व, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने में भी सहायक होता है। मुख्यमंत्री निवास पर इस तरह के आयोजन से पारंपरिक त्योहारों को न केवल एक नया जीवन मिलता है, बल्कि वे आधुनिक परिप्रेक्ष्य में राज्य के विकास और समावेशी प्रकृति को भी दर्शाते हैं। यह त्योहार राज्य की "गढ़बो नवा छत्तीसगढ़" (नया छत्तीसगढ़ गढ़ेंगे) की संकल्पना को भी बल देता है, जहाँ परंपरा और प्रगति दोनों साथ-साथ चलते हैं।
--Advertisement--