महंगाई से मिलेगी सबसे बड़ी राहत? AC, फ्रिज, घी, मक्खन... सब कुछ हो सकता है सस्ता!
सोचिए कैसा हो अगर अगली बार जब आप टीवी या फ्रिज खरीदने जाएं, तो बिल पहले से काफ़ी कम आए? या जब आप महीने का राशन ख़रीदें, तो घी, मक्खन और पनीर पर होने वाला ख़र्च घट जाए? यह कोई सपना नहीं, बल्कि एक ऐसी हक़ीक़त है जो बहुत जल्द आपकी ज़िंदगी में दस्तक दे सकती है. सरकार एक ऐसे बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है, जो अगर लागू हो गया, तो देश के हर आम और ख़ास आदमी के घर का बजट बदल कर रख देगा.
ख़बर है कि सरकार माल और सेवा कर (GST) के "टैक्स के जाल" को सुलझाने की तैयारी में है. अभी हमें अलग-अलग चीज़ों पर 5%, 12%, 18% और 28% जैसे कई तरह के GST देने पड़ते हैं, जो बहुत कन्फ्यूज़िंग है. अब इस पूरे सिस्टम को बदलकर सिर्फ़ तीन टैक्स स्लैब बनाने पर विचार किया जा रहा है.
तो इससे आपको क्या फ़ायदा होगा?
इस बड़े बदलाव का सीधा और सबसे बड़ा असर आपकी जेब पर पड़ेगा.
घर का हर कोना होगा 'हैप्पी-हैप्पी'
सबसे बड़ी राहत उन चीज़ों पर मिलने की उम्मीद है, जो आज हर घर की ज़रूरत बन चुकी हैं. अभी टीवी, एसी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसी चीज़ों पर 18% या उससे ज़्यादा टैक्स लगता है. नए सिस्टम में, इन सभी को एक नए, कम टैक्स वाले स्लैब में लाया जा सकता है. इसका मतलब है कि ये सारे होम एप्लायंसेज सस्ते हो सकते हैं.
रसोई का बजट भी मुस्कुराएगा
सिर्फ़ इलेक्ट्रॉनिक्स ही नहीं, आपकी रसोई में भी बड़ी बचत हो सकती है. अभी घी, मक्खन, चीज़ (पनीर) और कई तरह के मसालों पर 12% से 18% तक GST लगता है. नए नियम के तहत, इन्हें भी कम टैक्स वाले स्लैब में डाला जा सकता है, जिससे आपके महीने का राशन पहले से सस्ता हो जाएगा. मोबाइल फोन और कंप्यूटर जैसी ज़रूरी चीज़ें भी सस्ती होने की लिस्ट में हैं.
तो क्या सब कुछ सस्ता हो जाएगा?
नहीं, ऐसा नहीं है. जो चीज़ें सबसे महंगे यानी 28% वाले स्लैब में आती हैं, जैसे लग्ज़री गाड़ियां, सिगरेट-तम्बाकू, उन पर टैक्स कम होने की उम्मीद नहीं है. सरकार इन पर भारी टैक्स लगाकर लोगों को इनसे दूर रहने का संदेश भी देती है.
क्यों हो रहा है ये बदलाव?
सरकार का मक़सद टैक्स प्रणाली को इतना आसान बनाना है कि इससे आम जनता और व्यापारी, दोनों को फ़ायदा हो. टैक्स की दरें कम होंगी तो चीज़ें सस्ती होंगी. चीज़ें सस्ती होंगी तो लोग ज़्यादा ख़रीदारी करेंगे, और जब ख़रीदारी बढ़ेगी तो देश की अर्थव्यवस्था को भी रफ़्तार मिलेगी.
यह फ़ैसला अभी तैयारी के दौर में है, लेकिन अगर यह लागू होता है, तो यह महंगाई से जूझ रही जनता के लिए किसी बड़े त्योहार के तोहफ़े से कम नहीं होगा.
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