MP में बच्चों के आधार कार्ड पर सबसे बड़ी खुशखबरी, अब नहीं काटने होंगे दफ्तरों के चक्कर, जानें कैसे

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मध्य प्रदेश के लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर आई है। अब बच्चों का नया आधार कार्ड बनवाने या उसमें सुधार करवाने के लिए माता-पिता को सरकारी दफ्तरों की लंबी कतारों में लगने और अपनी दिहाड़ी खराब करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा और बेहद प्रशंसनीय फैसला लेते हुए अब सीधे स्कूलों में ही छात्रों के आधार कार्ड बनाने की घोषणा की है।

यह विशेष अभियान अगले महीने यानी सितंबर 2025 से शुरू किया जाएगा, जिसका सीधा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य का एक भी छात्र आधार कार्ड से वंचित न रहे। यह कदम न केवल माता-पिता के लिए एक बड़ी सुविधा है, बल्कि यह राज्य में डिजिटल गवर्नेंस और छात्रों को मिलने वाले लाभों को सुचारू बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

 

आखिर क्यों पड़ी स्कूलों में आधार कार्ड बनाने की ज़रूरत?

अब तक, अभिभावकों को अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए आधार केंद्रों या पोस्ट ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते थे। इस प्रक्रिया में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था:

  • लंबी कतारें और समय की बर्बादी: आधार केंद्रों पर भारी भीड़ के कारण घंटों इंतजार करना पड़ता था, जिससे माता-पिता को अक्सर काम से छुट्टी लेनी पड़ती थी।
  • दस्तावेजों की समस्या: कई बार सही दस्तावेजों की कमी के कारण उन्हें बार-बार वापस लौटा दिया जाता था।
  • बच्चों की पढ़ाई का नुकसान: बच्चों को भी अपने माता-पिता के साथ स्कूल छोड़कर इन केंद्रों पर जाना पड़ता था, जिससे उनकी पढ़ाई का नुकसान होता था।

इन्हीं सब व्यावहारिक समस्याओं को देखते हुए सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए यह 'स्कूल चलो आधार बनाओ' जैसा अभियान शुरू करने का फैसला किया है।

 

कैसे काम करेगा यह अभियान? (पूरी प्रक्रिया)

राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है।

  1. स्कूल स्तर पर तैयारी: सबसे पहले, स्कूलों को उन सभी छात्रों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है जिनके पास अभी तक आधार कार्ड नहीं है या जिनके आधार में किसी तरह की त्रुटि है।
  2. कैंप का आयोजन: इसके बाद, एक निर्धारित समय-सारणी के अनुसार हर स्कूल में विशेष 'आधार कैंप' का आयोजन किया जाएगा।
  3. अधिकृत टीमें आएंगी स्कूल: यूआईडीएआई (UIDAI) द्वारा अधिकृत टीमें अपनी बायोमेट्रिक मशीनों और अन्य उपकरणों के साथ सीधे स्कूल पहुंचेंगी।
  4. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में आसानी: चूंकि छात्र के सभी जरूरी दस्तावेज (जैसे जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल आईडी कार्ड) पहले से ही स्कूल के रिकॉर्ड में मौजूद होते हैं, इसलिए सत्यापन की प्रक्रिया बहुत तेज और आसान हो जाएगी। स्कूल के प्रधानाध्यापक या शिक्षक 'इंट्रोड्यूसर' की भूमिका निभाएंगे।
  5. मुफ्त नामांकन: नए आधार कार्ड का नामांकन पूरी तरह से नि:शुल्क किया जाएगा।

 

छात्रों के लिए आधार कार्ड क्यों है 'सुपरकार्ड'? (इसके बड़े फायदे)

आज के डिजिटल युग में, एक छात्र के लिए आधार कार्ड सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि उनके भविष्य के अवसरों की चाबी है।

  • स्कॉलरशिप और सरकारी योजनाएं: राज्य और केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली लगभग सभी छात्रवृत्ति (Scholarships)  और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। आधार-लिंक्ड बैंक खाते में सीधे लाभ हस्तांतरण (DBT) से पैसा सीधे छात्र तक पहुंचता ਹੈ।
  • प्रवेश परीक्षाएं: इंजीनियरिंग (JEE) और मेडिकल (NEET) जैसी कई बड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन करते समय आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता ਹੈ।
  • डिजिटल लॉकर: छात्र डिजिलॉकर में अपनी मार्कशीट और अन्य शैक्षणिक दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं, जिसे आधार के माध्यम से ही एक्सेस किया जाता है।
  • भविष्य की जरूरतें: बैंक खाता खोलने से लेकर भविष्य में किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ उठाने तक, आधार कार्ड हर कदम पर जरूरी है।

मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी योग्य छात्र सिर्फ एक दस्तावेज की कमी के कारण अवसरों से वंचित न रह जाए। यह 'डिजिटल इंडिया' के विजन को जमीनी स्तर पर साकार करने की दिशा में एक ठोस और प्रभावी पहल है।

 

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