मेरठ वालों की हुई बल्ले-बल्ले! अब शहर के जाम में फंसे बिना करें दिल्ली-हापुड़ का सफर

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अगर आप भी मेरठ के रहने वाले हैं या अक्सर इस रास्ते से गुजरते हैं, तो आप शहर के अंदर लगने वाले भयंकर ट्रैफिक जाम से ज़रूर परेशान हुए होंगे. दिल्ली से हापुड़ या हापुड़ से दिल्ली की तरफ जाने वाले भारी वाहनों (जैसे ट्रक, बस) को मजबूरन शहर के बीच से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे परतापुर चौराहे से लेकर शहर के अंदरूनी हिस्सों तक जाम की स्थिति बनी रहती है. लेकिन अब इस रोज़-रोज़ की झंझट से जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है.

लोक निर्माण विभाग (PWD) ने शहर को जाम से मुक्त करने के लिए एक बड़ा और शानदार प्लान तैयार किया ਹੈ. PWD अब एक नया बाईपासबनाने जा रहा है, जो वाहनों को शहर के बाहर ही बाहर उनके मंजिल तक पहुंचा देगा.

कहाँ से कहाँ तक बनेगा यह नया रास्ता?

यह नया बाईपास शहर के ट्रैफिक को पूरी तरह से बायपास कर देगा.

  • शुरुआत:यह बाईपास परतापुरके पास दिल्ली-देहरादून हाईवे से शुरू होगा.
  • अंत:औरफफूंडागांव के पास हापुड़ रोड पर जाकर मिलेगा.
  • बीच का रास्ता:यह बाईपास गागोलगांव से होते हुए गुजरेगा.

आसान भाषा में समझें तो, अब दिल्ली की तरफ से आने वाले जिन वाहनों को हापुड़ जाना है, उन्हें मेरठ शहर के अंदर घुसने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी. वे परतापुर से इस बाईपास पर चढ़ेंगे और सीधे फफूंडा के पास हापुड़ रोड पर निकल जाएंगे.

क्या होंगे इसके बड़े फायदे?

  1. शहर को जाम से मुक्ति:इस बाईपास का सबसे बड़ा फायदा मेरठ शहर को मिलेगा. ट्रक, बस और दूसरे भारी वाहन शहर के बाहर से ही निकल जाएंगे, जिससे शहर के अंदर ट्रैफिक का दबाव लगभग आधा हो जाएगा.
  2. समय और ईंधन की बचत:दिल्ली और हापुड़ के बीच यात्रा करने वालों को घंटों समय की बचत होगी और ट्रैफिक जाम में जलने वाले ईंधन की भी बचत होगी।
  3. विकास को मिलेगी नई रफ़्तार:यह बाईपास जिन गांवों (जैसे गागोल, फफूंडा) से होकर गुजरेगा, वहां विकास के नए रास्ते खुलेंगे. जमीन की कीमतें बढ़ेंगी और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.

इस पूरी परियोजना पर लगभग 22 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए भूमि अधिग्रहण (खरीद) की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। यह परियोजना न केवल आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि मेरठ शहर के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगी।

 

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