न्यूरललिंक की अद्भुत क्षमता: लकवाग्रस्त महिला अब सोच के बल पर कर रही कंप्यूटर का संचालन!

Post

एलन मस्क की न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी, न्यूरललिंक (Neuralink), ने एक बार फिर चिकित्सा और तकनीक के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने एक ऐसी लकवाग्रस्त महिला, ऑड्रे क्रूज़ (Audrey Crews), को कंप्यूटर से जुड़ने में मदद की है, जो अब अपनी सोच की शक्ति से कर्सर को नियंत्रित कर सकती हैं और यहाँ तक कि अपना नाम भी लिख सकती हैं।

लगभग 20 वर्षों से लकवाग्रस्त क्रूज़, जो न्यूरललिंक के PRIME क्लिनिकल ट्रायल में 'P9' के रूप में जानी जाती हैं, हाल ही में अपनी सर्जरी से गुज़रीं। सर्जरी के बाद, उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया कि वह 20 साल बाद पहली बार अपना नाम लिख पाई हैं, और वह भी केवल अपने विचारों के माध्यम से। क्रूज़ ने बताया कि उनके सिर में एक छोटा सा छेद करके 128 पतले तार उनकी मोटर कॉर्टेक्स (motor cortex) में डाले गए हैं, जो सीधे दिमाग से जुड़े हैं। यह छोटा सा चिप, जिसे द लिंक (The Link) या N1 इम्प्लांट भी कहा जाता है, उनके मस्तिष्क के संकेतों को वायरलेस तरीके से कंप्यूटर तक पहुंचाता है।

एलन मस्क ने खुद इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, वह सिर्फ सोचकर अपना कंप्यूटर चला रही हैं। ज्यादातर लोगों को यह अहसास ही नहीं है कि यह संभव है। क्रूज़ ने यह भी स्पष्ट किया कि यह इम्प्लांट उन्हें फिर से चलने या किसी भी शारीरिक मूवमेंट को हासिल करने में मदद नहीं करेगा, बल्कि यह विशुद्ध रूप से टेलीपैथी (Telepathy) यानी विचारों के माध्यम से संचार के लिए है।

इससे पहले, न्यूरललिंक के पहले मानव रोगी, नोलैंड अर्बाऊ (Noland Arbaugh) ने भी दिखाया था कि कैसे वे इस चिप की मदद से गेम खेल सकते हैं, इंटरनेट ब्राउज़ कर सकते हैं और कंप्यूटर को नियंत्रित कर सकते हैं। न्यूरललिंक का लक्ष्य गंभीर लकवा या तंत्रिका संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों को डिजिटल दुनिया के साथ सहजता से जुड़ने का एक नया ज़रिया प्रदान करना है।[

--Advertisement--