Tejas Mk-1A : भारत के हवाई डिफेंस का नया ब्रह्मास्त्र, लेकिन क्या HAL समय पर कर पाएगा कमाल?
News India Live, Digital Desk: Tejas Mk-1A : हमारे देश की हवाई सुरक्षा, जिसे भारतीय वायु सेना संभालती है, हमेशा से ही हमारी प्राथमिकता रही है. लेकिन इस समय वायु सेना एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है. मिग-21 लड़ाकू विमान, जो कई दशकों से हमारी वायुसेना की रीढ़ रहे हैं, अब धीरे-धीरे सेवा से हटाए जा रहे हैं. इन विमानों ने भले ही देश की खूब सेवा की हो, लेकिन अब इनकी जगह नए, आधुनिक विमानों की सख्त ज़रूरत है.
इस बड़ी चुनौती के बीच, हमारी उम्मीदों का नया नाम है 'तेजस एमके-1ए'. यह भारत में बना लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) तैयार कर रहा है. मिग-21 की जगह लेने के लिए इसे एक मजबूत विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन यहां एक बड़ा सवाल यह है कि एचएएल कितनी जल्दी इन नए 'तेजस' विमानों को वायु सेना तक पहुंचा पाता है?
विशेषज्ञों का कहना है कि एचएएल के पास अभी बहुत बड़ा काम है और उसे समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करनी होगी. अगर 'तेजस एमके-1ए' के उत्पादन और डिलीवरी में किसी भी तरह की देरी होती है, तो यह हमारी हवाई शक्ति के लिए खतरा पैदा कर सकता है. भारतीय वायु सेना पहले से ही अपने लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या में कमी का सामना कर रही है, और मिग-21 की रिटायरमेंट के बाद यह कमी और बढ़ सकती है. इस कमी को पूरा करने के लिए 'तेजस' ही सबसे तेज़ और भरोसेमंद समाधान है.
'तेजस एमके-1ए' न केवल मिग-21 की जगह लेगा, बल्कि इसमें कई आधुनिक तकनीकें और उन्नत क्षमताएं भी हैं, जो इसे किसी भी दुश्मन का सामना करने में सक्षम बनाती हैं. यह 'मेक इन इंडिया' पहल का एक बेहतरीन उदाहरण भी है, जिससे देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है.
हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि वायुसेना के पास पर्याप्त संख्या में आधुनिक लड़ाकू विमान हों. ऐसे में, एचएएल को अपनी कमर कस लेनी चाहिए और 'तेजस एमके-1ए' की डिलीवरी में तेजी लानी चाहिए. देश की हवाई ताकत का भविष्य इसी पर निर्भर करता है.
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