Tehran's nuclear initiative: फ्रांस जर्मनी और ब्रिटेन से होगी बातचीत अमेरिका से अभी दूरी

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News India Live, Digital Desk: Tehran's nuclear initiative:  ईरान ने परमाणु वार्ता की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाते हुए अपनी इच्छा जाहिर की है। उनका कहना है कि वे इस महत्वपूर्ण मामले पर बातचीत के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह बात ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने स्पष्ट की है। हालांकि, ईरान ने अपनी शर्तों को भी सामने रखा है। ईरान ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका के बजाय केवल तीन यूरोपीय शक्तियों  फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन - के साथ बातचीत करने को तैयार है, जिन्हें आमतौर पर E3 देशों के नाम से जाना जाता है।

यह पेशकश एक ऐसे समय में आई है जब 2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते जिसे औपचारिक रूप से जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन या JCPOA के नाम से जाना जाता है) को फिर से बहाल करने के प्रयास लगातार जारी हैं। पिछले अमेरिकी प्रशासन द्वारा इस समझौते से हटने और ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने के बाद से, यह डील अधर में लटक गई थी। ईरान लगातार कहता रहा है कि यदि वे अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं को दोबारा लागू करते हैं, तो अमेरिका को अपने प्रतिबंध उठाने होंगे।

पूर्व में, अमेरिका और ईरान के बीच परोक्ष रूप से हुई कई वार्ताएं बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हो गई थीं। इन्हीं असफलताओं को देखते हुए अब ईरान ने यह नया रुख अपनाया है। अमीर-अब्दुल्लाहियन के बयान से यह संकेत मिलता है कि अब वार्ता का ध्यान मुख्यतः यूरोपीय शक्तियों पर केंद्रित रहेगा। इन तीनों देशों को अब एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ की भूमिका निभानी पड़ सकती है। लक्ष्य साफ है: कूटनीतिक रास्तों के माध्यम से परमाणु समझौते को फिर से पटरी पर लाना और क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करना।

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