Tech Revolution : अब रिमोट के सेल नहीं खरीदने पड़ेंगे ,घर की ट्यूबलाइट से ही चार्ज हो जाएगा गूगल का नया रिमोट

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News India Live, Digital Desk : हम सबके साथ ऐसा कभी न कभी ज़रूर हुआ है सस्पेंस फिल्म का कोई क्लाइमेक्स चल रहा हो, और अचानक टीवी का रिमोट काम करना बंद कर दे। फिर हम रिमोट को पीछे से ठोकते हैं, सेल (Batteries) को निकालकर घिसते हैं या सोफे के नीचे पुराने सेल ढूंढने लगते हैं। है न?

लेकिन अब लगता है कि ये "ठोक-पीट कर रिमोट चलाने" वाले दिन पुराने होने वाले हैं। टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव हुआ है। Google TV के लिए एक ऐसा रिमोट तैयार किया गया है जिसे न तो बार-बार सेल बदलने की ज़रूरत है और न ही मोबाइल की तरह चार्जर में लगाने की।

जी हाँ, यह रिमोट "हवा और रोशनी" पीकर ज़िंदा रहता है! सुनने में अजीब है, लेकिन यह सच है।

कैसे काम करता है ये जादुई रिमोट?
इस नई टेक्नोलॉजी का सीक्रेट है— इनडोर लाइट (Indoor Light)। दरअसल, हाल ही में 'TW Electronics' ने एक ऐसा रिमोट पेश किया है जो खास तौर पर गूगल टीवी के लिए बना है। इस रिमोट के निचले हिस्से में एक खास तरह का पैनल (Photovoltaic Panel) लगा होता है।

पुराने सोलर पैनल को चार्ज होने के लिए कड़कती धूप की ज़रूरत होती थी, लेकिन यह नया पैनल इतना स्मार्ट है कि यह आपके कमरे में जल रही ट्यूबलाइट या बल्ब की रोशनी को भी बिजली में बदल देता है।

इसका मतलब क्या है?
इसका मतलब साफ़ है—आप बस टीवी देखकर रिमोट को सोफे या टेबल पर रख दीजिये। वो पड़ा-पड़ा आपके घर की लाइट से खुद को चार्ज करता रहेगा। आपको पता भी नहीं चलेगा और उसकी बैटरी हमेशा फुल रहेगी।

बैटरी की झंझट, अब हुई पुरानी
इस टेक्नोलॉजी को 'Powerfoyle' का नाम दिया गया है। कंपनी का दावा है कि यह रिमोट 'बैटरी-फ्री' तो नहीं है, लेकिन इसमें लगी बैटरी खुद चार्ज होती रहती है, जिससे आपको कभी बाजार से नए सेल लाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

पर्यावरण के लिए भी अच्छी खबर
सोचिए, हम हर साल कितने करोड़ों पुराने सेल कचरे में फेंकते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। इस तरह की सेल्फ-चार्जिंग तकनीक न सिर्फ़ हमारे पैसे बचाएगी, बल्कि धरती को ई-वेस्ट (Electronic Waste) से बचाने में भी मदद करेगी।

तो तैयार हो जाइये, आने वाले समय में जब आप नया स्मार्ट टीवी या Google TV बॉक्स खरीदेंगे, तो शायद उसके साथ आपको यह 'अमर' रिमोट मिले। अब रिमोट के पीछे का ढक्कन खोलने की ज़रूरत शायद कभी नहीं पड़ेगी!

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