Teacher candidates Protest : पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों पर बरपा कहर, नौकरी की मांग पर मिलीं लाठियां, सड़क पर बहा लहू
News India Live, Digital Desk: Teacher candidates Protest : बिहार की राजधानी पटना की सड़कें मंगलवार को एक बार फिर शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन और पुलिस की बर्बरता से गरमा गईं. BPSC शिक्षक भर्ती के चौथे चरण (TRE 4.0) में उम्र सीमा हटाने जैसी कई मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हजारों अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं. इस लाठीचार्ज में दर्जनों प्रदर्शनकारी लहूलुहान हो गए, और कई के सिर तक फूट गए.
क्या है पूरा मामला?
हजारों की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर पटना के जेपी गोलंबर पर इकट्ठा हुए थे. वे वहां से डाक बंगला चौराहे की ओर एक शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे थे. अभ्यर्थियों का कहना था कि वे अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पहले से ही भारी बैरिकेडिंग कर रखी थी. जब अभ्यर्थियों ने आगे बढ़ने की कोशिश की, तो पुलिस और उनके बीच नोकझोंक शुरू हो गई. देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया.
पुलिस की इस कार्रवाई से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. अभ्यर्थी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. लाठीचार्ज के वीडियो में पुलिस को बेरहमी से छात्रों को पीटते हुए देखा जा सकता है. कई अभ्यर्थी सड़क पर गिर पड़े, जिन्हें गंभीर चोटें आई हैं.
क्यों प्रदर्शन कर रहे थे अभ्यर्थी?
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों की कई मांगें हैं, जिन्हें वे सरकार से पूरा करवाना चाहते हैं:
- उम्र सीमा की बाध्यता खत्म हो: उनकी सबसे बड़ी मांग है कि शिक्षक भर्ती में उम्र की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए. उनका नारा था - "जब तक शिक्षक, तब तक उम्र सीमा कैसी?"
- "पहले आओ, पहले पाओ" नीति का विरोध: सरकार की इस नीति का अभ्यर्थी कड़ा विरोध कर रहे हैं.
- STET परीक्षा की मांग: कई छात्र TRE 4.0 से पहले राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें भी भर्ती में शामिल होने का मौका मिले.
घायल प्रदर्शनकारियों ने रोते हुए कहा, "हम शांति से मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे थे. हम अपनी मांग रखना चाहते थे, लेकिन हमें बदले में लाठियां मिलीं. नीतीश सरकार हमारी सुन नहीं रही है." इस घटना ने एक बार फिर बिहार में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया और सरकार के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि वे इस लाठीचार्ज से डरने वाले नहीं हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा.
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