Taxpayers be careful: आयकर रिटर्न फाइल करने से पहले ये चीजें कर लें तैयार
News India Live, Digital Desk: Taxpayers be careful: हर साल की तरह, फिर से वो समय नज़दीक आ रहा है जब हमें अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना होगा। यह एक ऐसा काम है जिसमें सावधानी और सही जानकारी बेहद ज़रूरी है। जरा सी भी लापरवाही या अधूरी जानकारी आपको आयकर विभाग के स्कैनर पर ला सकती है, जिसका नतीजा नोटिस या पेनल्टी भी हो सकता है। आजकल आयकर विभाग के पास डेटा एनालिटिक्स के ज़रिए हर लेनदेन की विस्तृत जानकारी होती है, इसलिए किसी भी चूक को पकड़ना उनके लिए आसान है। ऐसे में, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपकी ITR फाइलिंग बिल्कुल सटीक हो।
सही ITR दाखिल करने और किसी भी परेशानी से बचने के लिए, आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज़ और जानकारी तैयार रखनी चाहिए।
सबसे पहले बात करते हैं आपके निवेश और बचत के प्रमाणों की। धारा 80C के तहत मिलने वाली छूट से लेकर, स्वास्थ्य बीमा, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, बच्चों की स्कूल फीस, या यहाँ तक कि म्यूचुअल फंड और टैक्स-सेविंग एफडी में किए गए निवेश के दस्तावेज़ों को अच्छी तरह से सहेज कर रखें। ये दस्तावेज़ ही आपकी टैक्स छूट के दावे का आधार होते हैं। बिना इनके आप टैक्स लाभ का दावा नहीं कर पाएंगे और इससे आपको बाद में परेशानी हो सकती है।
यदि आप किराए के मकान में रहते हैं और आयकर अधिनियम के तहत हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में छूट का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपके लिए किराए के भुगतान की रसीदें और किराए का समझौता (रेंट एग्रीमेंट) बेहद ज़रूरी है। सुनिश्चित करें कि ये दस्तावेज़ सही और अपडेटेड हों, विशेषकर यदि आप किराए के बड़े अमाउंट का दावा कर रहे हैं, क्योंकि ऐसे मामलों की विभाग द्वारा अक्सर बारीकी से जांच की जाती है। यदि वार्षिक किराया 1 लाख रुपये से अधिक है, तो मकान मालिक का पैन (PAN) विवरण भी अनिवार्य हो जाता है।
आजकल अधिकतर लोग अपने सपनों का घर खरीदने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं। अगर आपने भी ऐसा किया है और आपके होम लोन पर ब्याज का भुगतान किया है, तो आपको बैंक या वित्तीय संस्थान से मिलने वाला ब्याज भुगतान का प्रमाण पत्र ज़रूर तैयार रखना चाहिए। इस दस्तावेज़ की मदद से आप होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं, जो आपकी कुल टैक्स योग्य आय को कम करने में सहायक होगा। यह आपकी कर देनदारी को काफी कम कर सकता है।
अपनी बैंकिंग जानकारी का पूरा हिसाब-किताब भी आपके पास होना चाहिए। बैंक में जमा किए गए बड़े कैश लेनदेन, किसी निवेश की निकासी, बचत खाते से मिला ब्याज, या क्रेडिट कार्ड के खर्चों पर आयकर विभाग की पैनी नज़र रहती है। अपनी बैंक स्टेटमेंट को ध्यान से जांचें ताकि सभी लेनदेन आपकी घोषित आय और व्यय से मेल खाते हों। यह किसी भी विसंगति को पहले ही पकड़ने में मदद करेगा। ध्यान दें कि आपकी वित्तीय लेनदेन पर 360-डिग्री प्रोफ़ाइलिंग हो रही है, इसलिए कोई भी जानकारी छिपाने का प्रयास न करें।
अंत में, अगर आप एक वेतनभोगी कर्मचारी हैं, तो आपकी सैलरी स्लिप्स और नियोक्ता द्वारा जारी फॉर्म 16 सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ हैं। फॉर्म 16 में आपकी कुल आय, TDS (स्रोत पर कर कटौती) और आपकी ओर से किए गए विभिन्न कटौतियों का पूरा विवरण होता है। यह दस्तावेज़ आपके ITR दाखिल करने का प्राथमिक आधार होता है और सुनिश्चित करता है कि आपके द्वारा घोषित आय आपके नियोक्ता द्वारा रिपोर्ट की गई आय से मेल खाए। यदि आपके पास एक से अधिक फॉर्म 16 हैं (जैसे आपने नौकरी बदली हो), तो उन्हें भी इकट्ठा करके रखें।
इन सभी दस्तावेज़ों को पहले से ही एकत्र और व्यवस्थित करके रखना आपको ITR दाखिल करते समय अंतिम मिनट की हड़बड़ी और गलतियों से बचाएगा। याद रखें, एक सही और पूरी तरह से तैयार ITR फाइलिंग ही आपको आयकर विभाग के किसी भी सवाल या नोटिस से बचाएगी और मन की शांति देगी।
--Advertisement--