T-Series's strong voice Anuradha Paudwal: जब पीक पर छोड़ी प्लेबैक सिंगिंग बताया क्यों चुना भक्ति संगीत का रास्ता
News India Live, Digital Desk: T-Series's strong voice Anuradha Paudwal: 90 के दशक की जानी-मानी गायिका, जिन्होंने बॉलीवुड को कई अविस्मरणीय नगमे दिए, अनुराधा पौडवाल ने हाल ही में अपने करियर और उस समय के माहौल को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने गायकी के करियर के चरम पर ही फिल्मी संगीत से नाता क्यों तोड़ लिया था और भक्ति संगीत की दुनिया में क्यों उतर गईं। उन्होंने इस बड़े फैसले के पीछे मीडिया द्वारा दिग्गज गायिकाओं लता मंगेशकर और आशा भोसले से उनकी निरंतर तुलना को मुख्य वजह बताया।
अनुराधा पौडवाल का मानना है कि उनकी आवाज में कुछ हद तक लता जी जैसी समानता थी, जिसके कारण गुलशन कुमार ने उन्हें टी-सीरीज़ में अपने साथ जोड़ा। इसी वजह से उन्हें 'दिल है कि मानता नहीं', 'आशिकी', 'साजन' और 'बेटा' जैसी फिल्मों के लिए यादगार गाने गाने का अवसर मिला, और इन फिल्मों के गीत संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज करने लगे। हालांकि, उनके मुताबिक, इसी 'आवाज़ की समानता' के चलते मीडिया ने लगातार उनकी तुलना लता मंगेशकर और आशा भोसले से करनी शुरू कर दी। यह तुलना इतनी हद तक पहुँच गई थी कि अनुराधा पौडवाल को लगा कि यह कोई सामान्य बात नहीं, बल्कि उनके खिलाफ एक "सोची-समझी साजिश" है ताकि उनकी साख को नुकसान पहुँचाया जा सके।
पौडवाल का कहना है कि जब मीडिया लगातार यह लिखने लगा कि 'लता की उत्तराधिकारी कौन होगी?' तो उनके लिए यह असहज करने वाला अनुभव था। उन्हें लगा कि ऐसी बातें जानबूझकर फैलाई जा रही थीं ताकि उनका नाम बदनाम किया जा सके। इस 'षड्यंत्र' और मीडिया के लगातार तुलनात्मक विश्लेषणों से तंग आकर उन्होंने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली। यह उनके करियर का एक ऐसा पड़ाव था, जब वे सबसे सफल गायिकाओं में से एक थीं, और ऐसे में यह निर्णय किसी को भी आश्चर्यचकित कर सकता था।
लेकिन अब, अनुराधा पौडवाल अपने इस फैसले को लेकर बेहद खुश और संतुष्ट महसूस करती हैं। भक्ति संगीत की दुनिया में कदम रखने के बाद उन्हें एक नई पहचान मिली है और वे इस शांत व पवित्र क्षेत्र में स्वयं को अधिक शांतिपूर्ण पाती हैं। उनका यह सफर दिखाता है कि कैसे कभी-कभी कलाकार अपनी रचनात्मक स्वतंत्रता और आंतरिक शांति के लिए उस दुनिया से दूर हो जाते हैं जहाँ सफलता के साथ-साथ ढेर सारी जटिलताएं भी जुड़ी होती हैं।
--Advertisement--