Surprising Effect of AI: लोग अब ChatGPT जैसी भाषा में बोलने लगे हैं, नया अध्ययन

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News India Live, Digital Desk: Surprising Effect of AI:   आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI हमारी ज़िंदगी के हर कोने में घुसपैठ कर रहा है। स्मार्टफोन, इंटरनेट सर्च से लेकर अब तो हद ये है कि हम इंसानों की बातचीत का तरीका भी इससे प्रभावित होने लगा है। हाल ही में हुए एक नए अध्ययन से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि चैटजीपीटी जैसे बड़े लैंग्वेज मॉडल (LLM) का रोज़मर्रा के इस्तेमाल से लोग अनजाने में ही उसकी शब्दावली, वाक्यों की बनावट और यहाँ तक कि उसके बोलने के लहजे को अपना रहे हैं। यह एक ऐसी दिलचस्प लेकिन थोड़ी चिंताजनक बात है, जिस पर गौर करना बेहद जरूरी है।

यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग द्वारा किए गए इस शोध में पाया गया है कि जो लोग लगातार चैटजीपीटी या ऐसे अन्य एआई टूल्स का उपयोग करते हैं, वे धीरे-धीरे अधिक औपचारिक, अधिक तटस्थ और कुछ हद तक भावहीन तरीके से बातचीत करने लगते हैं। इसका मतलब यह है कि उनके वास्तविक जीवन के संवादों में भी वो सटीकता और बनावटीपन दिखने लगता है जो एआई जेनरेटेड टेक्स्ट में होता है। ऐसे लोगों के बात करने के ढंग में स्वाभाविक उतार-चढ़ाव, स्थानीय मुहावरे और बोलचाल की अपनी एक मौलिकता कम होती जा रही है।

अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि जब हम लगातार चैटजीपीटी के औपचारिक और निष्पक्ष भाषा के आदी हो जाते हैं, तो हम भी अपनी दैनिक बोलचाल में उसकी कुछ विशेषताओं को समाहित कर लेते हैं। हम कम मुहावरों का इस्तेमाल करते हैं, सीधे-सीधे बात करते हैं और अपनी बातचीत में मानवीय भावनाओं और बारीकियों को कम कर देते हैं। कई बार यह हमारे संवाद को दोहराव वाला भी बना सकता है, क्योंकि एआई अक्सर कुछ वाक्यांशों या संरचनाओं का बार-बार इस्तेमाल करता है। यह उस मौलिकता को कम कर सकता है जो हमें एक-दूसरे से अलग बनाती है।

यह बदलाव एक गहरी चिंता पैदा करता है, क्योंकि अगर इंसानों की अपनी मौलिक और भावनात्मक अभिव्यक्ति का अंदाज़ धीरे-धीरे मशीनी होने लगे तो यह हमारी व्यक्तिगत पहचान और आपसी संबंधों को प्रभावित कर सकता है। अगर भविष्य में सभी लोग एक ही जैसे सांचे में ढली हुई भाषा बोलने लगें तो यह मानवीय संचार के लिए एक बड़ा नुकसान होगा। इसलिए, हमें AI का इस्तेमाल तो करना चाहिए, लेकिन साथ ही अपनी पहचान और बातचीत की स्वाभाविक शैली को बनाए रखने के लिए जागरूक रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

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