इंसान और जानवर का साथ: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर सुनाया बड़ा फ़ैसला
हमारे शहरों और गलियों में घूमते आवारा कुत्ते अक्सर चर्चा का विषय बन जाते हैं। कुछ लोग इन्हें प्यार करते हैं, खाना खिलाते हैं, तो कुछ लोग इनसे डरते हैं और इन्हें एक बड़ी समस्या मानते हैं। सालों से यह बहस चली आ रही है कि इनके साथ कैसा बर्ताव किया जाए। इसी उलझन को सुलझाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत ही अहम और बड़ा फ़ैसला सुनाया है, जो पूरे देश में इंसानों और इन बेज़ुबान जानवरों के बीच एक संतुलन बनाने की कोशिश करेगा।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने साफ़-साफ़ निर्देश दिया है कि सभी आवara कुत्तों का टीकाकरण (vaccination) और नसबंदी (sterilization) करने के बाद उन्हें उसी इलाके में वापस छोड़ दिया जाना चाहिए, जहाँ से उन्हें उठाया गया था। यह एक बहुत बड़ी बात है, क्योंकि अक्सर कुत्तों को एक जगह से उठाकर दूसरी अनजानी जगह पर छोड़ दिया जाता था, जिससे वे और भी ज़्यादा परेशान और कभी-कभी आक्रामक हो जाते थे।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई कुत्ता रेबीज से संक्रमित है या बहुत ज़्यादा आक्रामक है, तो उसे शेल्टर होम में रखा जाना चाहिए ताकि लोगों को कोई खतरा न हो।
खाना खिलाने पर भी दिया निर्देश
अक्सर आपने देखा होगा कि कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर लोगों के बीच झगड़े हो जाते हैं। इस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने स्थिति साफ़ की है। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक जगहों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगनी चाहिए और इसके लिए एक तय जगह (designated area) निर्धारित की जानी चाहिए। इससे साफ़-सफ़ाई भी बनी रहेगी और लोगों के बीच के विवाद भी कम होंगे।
नगर पालिका के काम में कोई रुकावट नहीं
कोर्ट ने यह भी सख़्ती से कहा है कि अगर नगर पालिका के कर्मचारी नियमों के अनुसार कुत्तों को उठाने आते हैं, तो कोई भी व्यक्ति या संस्था उन्हें रोक नहीं सकती। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की जा सकती है। यह फ़ैसला पहले सिर्फ़ दिल्ली-NCR के लिए था, लेकिन अब इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया है ताकि हर जगह एक जैसी नीति अपनाई जा सके।
यह फ़ैसला उन हज़ारों पशु प्रेमियों के लिए एक राहत की सांस है जो इन बेज़ुबानों की भलाई के लिए काम करते हैं। साथ ही, यह उन लोगों की सुरक्षा चिंताओं का भी ध्यान रखता है जो आवारा कुत्तों से डरते हैं। यह एक संतुलित नज़रिया है, जो हमें सिखाता है कि कैसे हम इन जानवरों के साथ मिलकर रह सकते हैं, बिना किसी डर या नफ़रत के।
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