सुप्रीम कोर्ट का आदेश: दिल्ली-NCR की सड़कों से सभी आवारा कुत्ते हटाने पर बड़ा विवाद
क्या सचमुच ये फैसला दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बना देगा या हम मानवता से दूर हो रहे हैं? हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश जारी किया—दिल्ली-NCR की तमाम सड़कों से सभी स्ट्रे डॉग्स को उठाकर शेल्टर में ले जाने का निर्देश। इस फैसले ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है—हर कोई अपना पक्ष खुलकर रख रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने बढ़ते डॉग-बाइट और रेबीज मामलों पर गंभीर चिंता जताई। तत्काल कार्रवाई के लिए प्रशासन को निर्देशित किया गया कि छोटे-छोटे स्पेशल टीमों द्वारा सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर एनिमल शेल्टर में शिफ्ट किया जाए। आदेश में चेतावनी भी दी गई—अगर कोई व्यक्ति या संस्था इस प्रक्रिया में रुकावट डालती है, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा—यह सब सार्वजनिक हित में किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर दो फर्जी जंग: संवेदनशीलता बनाम सुरक्षा
राहुल गांधी: "ये आवाज़हीन प्राणी कभी समस्या नहीं रहे!"
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कोर्ट के आदेश की आलोचना की। उनका कहना है कि दशक भर पुरानी मानवीय नीति से यह कदम पीछे हटने जैसा है। उनका सुझाव है—स्ट्रे कुत्तों को खत्म करने की बजाय शेल्टर, नसबंदी, वैक्सीनेशन और कम्युनिटी केयर का रास्ता चुना जाना चाहिए। उनका मानना है कि पब्लिक सेफ्टी और जानवरों की सेहत साथ-साथ सुरक्षित की जा सकती है।
प्रियंका गांधी: "इन्हें ऐसी निर्दयता नहीं मिलनी चाहिए!"
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अचानक सभी डॉग्स को शेल्टर भेजने के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने बताया कि दिल्ली में शेल्टर की भारी कमी है और अचानक इतने कुत्तों को बंद करना गैर-इंसानियत है। "शहर के जानवरों को ऐसे क्रूर हालात में नहीं रखना चाहिए," उन्होंने X पर पोस्ट किया।
सुहेल सेठ: "कोर्ट का पुनर्विचार जरूरी!"
कंसल्टेंट सुहेल सेठ ने तीव्र असहमति जताते हुए कहा: “जो देश अपने जानवरों की देखभाल नहीं कर सकता, वह दयालु नहीं।” उन्होंने कहा कि तुरन्त पुनर्विचार पिटीशन दाखिल की जानी चाहिए।
मेनका गांधी: "हकीकत से कोसों दूर है ये फैसला"
जानवरों की अधिकार कार्यकर्ता और BJP नेता मेनका गांधी ने आदेश को अव्यावहारिक बताया। दिल्ली में एक भी बड़ा डॉग शेल्टर नहीं है—तो तीन लाख डॉग कहां रखे जाएं? मेनका गांधी ने शेल्टर निर्माण, स्टाफ, और खर्च की दिक्कतें गिनाईं और कोर्ट से आदेश को वापस लेने की अपील की।
जॉन अब्राहम: "यह ‘स्ट्रे’ नहीं, कम्युनिटी डॉग हैं!"
एक्टर जॉन अब्राहम ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर फैसले पर पुनर्विचार मांगा—कहा, ये कम्युनिटी डॉग हैं, जिनसे दिल्ली वालों का रिश्ता है।
भावनात्मक यूजर रिएक्शन
X यूजर इशिता रॉय ने निवासियों से भावुक अपील की—"अगर आप इस आदेश का समर्थन करते हैं, तो एक डॉग गोद लें। स्ट्रीट से गोद लेने से उनकी जिंदगी बदल जाती है।"
सौरभ श्रीवास्तव ने चिंता जताई कि इस आदेश के कारण कई कुत्तों को पिंजरे में बंद, भूखा या और भी बुरी हालत में रखा जा सकता है—उन्होंने अपनाए गए इंडीज़ डॉग्स का उदाहरण देते हुए सिस्टम को बदलने की मांग की।
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