Supreme Court : जेल जाने को तैयार हूं - CJI और जस्टिस गवई पर विवादित आरोप लगाने वाले वकील ने दी खुली चुनौती

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News India Live, Digital Desk: Supreme Court : भारत में न्यायपालिका की शान पर अगर कोई उंगली उठाए, तो यह एक बड़ा मुद्दा बन जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ जब सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और जस्टिस बी.आर. गवई को लेकर विवादित टिप्पणियां कीं. मामला कुछ ऐसा है कि इन टिप्पणियों के लिए उन पर अब अवमानना का केस चलने वाला है, लेकिन वह वकील अपनी बात पर अड़े हैं और उनका कहना है कि वे जेल जाने के लिए भी तैयार हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट में वकील संजीव कुमार को लगता है कि जस्टिस गवई, जो कि अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं, उन्होंने मुकदमों की सुनवाई के लिए बेंच तय करने में जातिगत भेदभाव किया है. वकील संजीव कुमार ने आरोप लगाया कि एक खास केस को लेकर, जिसकी सुनवाई सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ कर रहे थे, जस्टिस गवई ने जातिवाद को बढ़ावा दिया. उन्होंने इसके बारे में जस्टिस गवई को पत्र भी लिखा था. इसके बाद अदालत ने संज्ञान लेते हुए कहा कि यह मामला वकील के अपमानजनक बयानों और कोर्ट की अवमानना से जुड़ा है. इस मामले को अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि को भेज दिया गया, ताकि वे इस पर अपनी राय दे सकें.

लेकिन वकील संजीव कुमार अपने आरोपों पर कायम हैं. उन्होंने यह साफ कर दिया है कि उन्हें इन टिप्पणियों के लिए कोई अफसोस नहीं है. वे कह रहे हैं कि उन्होंने वही लिखा है, जो वे मानते हैं, और वे इसके परिणामों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा कि अदालत उन्हें जो चाहे सजा दे, चाहे जेल ही भेज दे. वकील संजीव कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी यह मामला उठाया और अपने आरोप दोहराए हैं. उनके मुताबिक, न्याय के मंदिरों में भी अगर जातिवाद पनपेगा, तो इसे रोकना ज़रूरी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अटॉर्नी जनरल इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और आगे चलकर वकील संजीव कुमार के इस बयान पर अदालत क्या फैसला लेती है.

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