Success Story : खेती घाटे का सौदा? गलत राजस्थान के इस शख्स ने वर्मीकम्पोस्ट से खड़ी की करोड़ों की कंपनी
News India Live, Digital Desk : जब कोई पढ़ा-लिखा इंसान अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर गांव वापस लौटता है और कहता है कि "मैं खेती करूँगा", तो सबसे पहले पड़ोसी और रिश्तेदार ही ताना मारते हैं। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले प्रमोद सहारण के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था।
प्रमोद पहले 'मारुति' कंपनी में बतौर मैकेनिक काम करते थे। अच्छी सैलरी थी, लाइफ सेट थी, लेकिन उनका मन कंक्रीट के जंगलों में नहीं, बल्कि अपने गांव की मिट्टी में लगता था। उन्हें समझ आ गया था कि केमिकल वाली खाद (Chemical Fertilizers) ने जमीन को जहर बना दिया है और अब वक्त है बदलाव का।
शुरुआत और लोगों का मजाक
जब प्रमोद ने नौकरी छोड़ी और 'वर्मीकम्पोस्ट' (केंचुआ खाद) का काम शुरू करने का फैसला किया, तो लोगों ने उन्हें पागल तक कह दिया। लोग कहते थे, "बाकी लोग खेती छोड़ रहे हैं और यह शहर से वापस आकर कीड़े पाल रहा है।" लेकिन प्रमोद को अपने विज़न पर भरोसा था। उन्होंने खेती में केमिकल्स का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दिया।
कैसे पलटी किस्मत?
उन्होंने शुरुआत बहुत छोटे स्तर से की थी। उन्होंने गोबर और केंचुए का इस्तेमाल करके 'जैविक खाद' बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे उन्हें समझ आया कि सिर्फ खाद ही नहीं, खुद 'केंचुए' (Earthworms) भी सोने की खान हैं।
केंचुओं की खासियत यह है कि ये बहुत तेजी से अपनी जनसंख्या बढ़ाते हैं। प्रमोद ने ऑस्ट्रेलियन प्रजाति के केंचुए तैयार किए और उन्हें दूसरे किसानों को बेचना शुरू किया। देखते ही देखते उनका यह मॉडल हिट हो गया। आज उनकी बनाई जैविक खाद और केंचुए सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि पंजाब, हरियाणा और दूर-दराज के राज्यों में भी सप्लाई हो रहे हैं।
कमाई के आंकड़े चौंका देंगे
जो लोग पहले हंसते थे, आज वे ही उनसे सलाह लेने आते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो आज प्रमोद सहारण का सालाना टर्नओवर लगभग 2 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उनकी यूनिट से टनों के हिसाब से खाद निकलती है। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर सही तकनीक और मार्केटिंग का इस्तेमाल किया जाए, तो गोबर और मिट्टी भी आपको करोड़पति बना सकती है।
आज वे खुद तो कमा ही रहे हैं, साथ ही सैकड़ों अन्य किसानों को भी ट्रेन करके उनकी आमदनी बढ़ा रहे हैं। प्रमोद की कहानी सिखाती है कि कोई भी धंधा छोटा नहीं होता, बस उसे करने का तरीका बड़ा होना चाहिए।
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