Study Abroad: 2024 में भारतीय छात्रों की संख्या में मामूली कमी, बदलते अंतर्राष्ट्रीय रुझान
- by Archana
- 2025-08-19 11:05:00
News India Live, Digital Desk: Study Abroad: भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 7.6 लाख से अधिक भारतीय छात्रों ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश में पढ़ाई की. यह आंकड़ा पिछले वर्ष यानी 2023 के 7.7 लाख के मुकाबले थोड़ा कम है, जो विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में हल्की गिरावट को दर्शाता है. यह डेटा, जो हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया था, यह भी उजागर करता है कि इस दौरान विदेशों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों ने अपनी पढ़ाई पर 40,402 करोड़ रुपये खर्च किए.
विदेशों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों में लगभग 22.9 लाख ने विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लिया है. जबकि कुछ छात्रों ने 'ग्रे पासपोर्ट' पर विदेश यात्रा की, जिनमें मुख्य रूप से छात्र, शिक्षा से संबंधित व्यक्तियों, व्यावसायिक भागीदारों, खिलाड़ियों और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रतिभागियों का समावेश है, जिनमें गैर-आप्रवासी छात्र वीजा (F-1) पर गए छात्र भी शामिल हैं. इस आंकड़ों में यह भी बताया गया कि सरकार प्रवासी भारतीयों (एनआरआई), भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआईओ) और भारत के विदेशी नागरिकों (ओसीआई) को शिक्षा में मदद करती है, जिससे वे देश के विकास में योगदान कर सकें.
यह डेटा ऐसे समय में आया है जब विभिन्न देश भारतीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए कई नीतियों में बदलाव कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, यूनाइटेड किंगडम के कुछ विश्वविद्यालयों ने भारतीय छात्रों को यूके के वर्क वीजा में हाल ही में हुए परिवर्तनों के कारण "धोखेबाज" का लेबल लगाकर अपनी दाखिले की आवश्यकताओं में बदलाव किए हैं. जबकि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड अभी भी भारतीय छात्रों के बीच उच्च अध्ययन के लिए लोकप्रिय विकल्प बने हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया ने कुछ देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, के लिए वीज़ा आवश्यकताओं को भी सख्त कर दिया है ताकि वे छात्रों का सही चयन कर सकें और सही अध्ययन-गंतव्यों के साथ उचित जुड़ाव सुनिश्चित कर सकें.
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