Stress Reduction : घास पर नंगे पैर चलने के फायदे,रक्तचाप से लेकर आँखों की रोशनी तक, सब होगा बेहतर
News India Live, Digital Desk: घास पर नंगे पैर चलना केवल बचपन की एक याद नहीं है, बल्कि यह एक प्राचीन अभ्यास है जिसे 'ग्राउंडिंग' या 'अर्थिंग' कहा जाता है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं. घास पर सीधे पृथ्वी के संपर्क में आने से शरीर को प्राकृतिक इलेक्ट्रॉन मिलते हैं, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिल सकती है.
घास पर नंगे पैर चलने के प्रमुख लाभ:
- तनाव कम करना (Stress Reduction): प्रकृति से जुड़ने का यह सीधा तरीका तनाव और चिंता को कम करने में सहायक है. घास पर चलना मन को शांत करता है और सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.
- बेहतर नींद (Improved Sleep): ग्राउन्डिंग से कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर संतुलित होता है, जो नींद के पैटर्न को नियंत्रित करता है. नियमित रूप से नंगे पैर चलने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और आप अधिक तरोताजा महसूस करते हैं.
- रक्तचाप नियंत्रण (Blood Pressure Control): नंगे पैर चलने से शरीर को पृथ्वी से नकारात्मक आयन मिलते हैं, जो रक्तचाप को सामान्य करने में मदद करते हैं. यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है.
- आंखों की रोशनी बढ़ाना (Improved Eyesight): सुबह-सुबह हरी घास पर ओस के साथ नंगे पैर चलने से आँखों को आराम मिलता है और रोशनी बढ़ती है. कुछ योग और प्राकृतिक चिकित्सा में यह अभ्यास आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करने और ध्यान केंद्रित करने में सहायक माना जाता है.
- शरीर में ऊर्जा का संतुलन (Energy Balance): शरीर में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह संतुलित होता है, जिससे समग्र ऊर्जा स्तर बढ़ता है और व्यक्ति अधिक ऊर्जावान महसूस करता है. यह प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव भी डालता है.
- सूजन कम करना (Reduced Inflammation): पृथ्वी से मिलने वाले इलेक्ट्रॉन शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे गठिया और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों से राहत मिल सकती है.
- मजबूत पैर और मुद्रा (Stronger Feet and Posture): नंगे पैर चलने से पैरों की छोटी मांसपेशियां सक्रिय होती हैं, जिससे पैरों को मजबूती मिलती है और शरीर की मुद्रा में सुधार होता है.
यह सरल और प्राकृतिक तरीका आधुनिक जीवनशैली से उत्पन्न होने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक प्रभावी समाधान हो सकता है. इस अभ्यास को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाकर आप बेहतर स्वास्थ्य का अनुभव कर सकते हैं.
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