Stir in Jharkhand Politics: दस्तावेज़ लीक मामले में सरयू राय के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय
News India Live, Digital Desk: Stir in Jharkhand Politics: झारखंड की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है, जहाँ विधायक सरयू राय और उनके एक सहयोगी अमरेन्द्र कुमार के खिलाफ दस्तावेज़ लीक से जुड़े एक पुराने मामले में औपचारिक तौर पर आरोप तय कर दिए गए हैं। रांची की सिविल कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए न्यायिक कार्यवाही को आगे बढ़ाने का आदेश दिया है, जिससे अब सरयू राय के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
यह मामला साल 2018 का है, जब सरयू राय झारखंड सरकार में मंत्री पद पर थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने अमरेन्द्र कुमार के साथ मिलकर राजस्व और भूमि सुधार विभाग के कुछ बेहद गोपनीय दस्तावेज़ कथित तौर पर हासिल किए और फिर उन्हें लीक कर दिया। बताया जाता है कि ये गोपनीय कागज़ात 'झमास' कोल माइन के अवैध आवंटन से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले से संबंधित थे।
इस संबंध में विभाग के संयुक्त सचिव की शिकायत के आधार पर कोटवाली थाने में एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामले की गहन जांच पूरी करने के बाद दोनों आरोपियों, सरयू राय और अमरेन्द्र कुमार, के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी।
अब रांची की सिविल कोर्ट ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं, जैसे 469 (छवि को नुकसान पहुँचाने के इरादे से जालसाजी), 471 (नकली दस्तावेज़ का उपयोग करना), 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक साजिश), और इसके साथ-साथ आईटी एक्ट की धारा 66 (कंप्यूटर से संबंधित अपराध) के तहत लगाए गए आरोपों को प्रथम दृष्टया सही माना है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख भी तय कर दी है, जिसका मतलब है कि यह मामला अब पूर्ण सुनवाई के लिए आगे बढ़ेगा।
सरयू राय अपनी मुखरता और भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आवाज़ उठाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर कई गंभीर खुलासे किए हैं, जिससे सत्ता पक्ष के लिए अक्सर असहज स्थिति पैदा हुई है। इस बीच, इस दस्तावेज़ लीक मामले में उन पर आरोप तय होना, उनकी कानूनी चुनौतियों को बढ़ा सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह न्यायिक प्रक्रिया क्या मोड़ लेती है।
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