श्रीविद्या: सौन्दर्य, अभिनय और व्यक्तिगत जीवन के उतार-चढ़ावों की जीती-जागती मिसाल
श्रीविद्या, एक ऐसी अदाकारा थीं जिनकी सुंदरता और अभिनय कला देवी श्री देवी की तरह ही असाधारण थी। अपने शानदार फिल्मी करियर की शुरुआत 1960 के दशक में एक बाल कलाकार के तौर पर करने वाली श्रीविद्या ने बहुत कम समय में दक्षिण भारतीय सिनेमा में अपनी एक खास पहचान बना ली थी। उन्होंने हिंदी, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम सहित कई भाषाओं में 800 से अधिक फिल्मों में काम किया। उनकी शुरुआती भूमिकाओं में रोमांस और मासूमियत झलकती थी, लेकिन बाद में उन्होंने माँ के किरदारों में भी अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवाया।
श्रीविद्या का फिल्मी सफर जितना सफल रहा, उनका निजी जीवन उतना ही त्रासदियों से भरा रहा। कमल हासन के साथ उनके प्रेम संबंध ने खूब सुर्खियां बटोरीं, लेकिन परिवार के दबाव और कुछ गलतफहमियों के चलते यह रिश्ता मुकाम तक नहीं पहुँच सका। इसके बाद, उन्होंने एक सहायक निर्देशक जॉर्ज थॉमस से शादी करने का फैसला किया, जिसके लिए उन्होंने अपना धर्म भी बदला। श्रीविद्या ने अपने करियर को दाँव पर लगाकर इस शादी के लिए हामी भरी थी, लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि जॉर्ज के साथ वह एक सुखद जीवन जिएंगी।
हालांकि, शादी के कुछ ही समय बाद जॉर्ज ने अपना असली चेहरा दिखाया। उन्होंने न केवल श्रीविद्या की सारी कमाई हड़प ली, बल्कि उन्हें घर से भी निकाल दिया। इस धोखे से टूटकर, श्रीविद्या को तलाक लेना पड़ा और अपनी पहचान फिर से स्थापित करने के लिए उन्हें माँ जैसे किरदारों में काम करना पड़ा। उन्होंने अपनी सारी संपत्ति और धन को वापस पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसमें अंततः जीत हासिल की। अपनी इन त्रासदियों के बावजूद, श्रीविद्या ने कला के प्रति अपने समर्पण को बनाए रखा और कैंसर से जूझते हुए भी काम करती रहीं। 2006 में ब्रेस्ट कैंसर के कारण उनका निधन हो गया, लेकिन अभिनय जगत में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
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