Spiritual Benefits : तुलसी माला पहनने से पहले जान लें ये कड़े नियम, एक गलती पड़ सकती है भारी
- by Archana
- 2025-08-13 09:58:00
Newsindia live,Digital Desk: Spiritual Benefits : हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। ठीक उसी तरह, तुलसी की लकड़ी से बनी माला को धारण करना भी बहुत शुभ और आध्यात्मिक रूप से लाभकारी माना जाता है। यह माला भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि तुलसी माला धारण करने से मन और आत्मा पवित्र होती है, और व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। हालांकि, इस पवित्र माला को पहनने के कुछ कड़े नियम और विधान हैं, जिनकी अनदेखी करने पर फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।
शास्त्रों के अनुसार, तुलसी माला को धारण करने से पहले उसे शुद्ध करना अनिवार्य है। इसके लिए माला को गंगाजल से धोकर सुखा लेना चाहिए। तुलसी की माला सोमवार, गुरुवार या शुक्रवार जैसे शुभ दिनों में स्नान करने के बाद, स्वच्छ वस्त्र पहनकर ही धारण करनी चाहिए। माला पहनने से पहले इसे भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करना और मंत्रों से अभिमंत्रित करना इसकी शक्ति को और बढ़ा देता है।
तुलसी माला धारण करने के कड़े नियम
जो भी व्यक्ति तुलसी की माला धारण करता है, उसे सात्विक जीवन शैली का पालन करना अनिवार्य होता है इसका अर्थ है कि व्यक्ति को मांस, मछली, मदिरा, प्याज, लहसुन जैसे तामसिक भोजन का पूरी तरह से त्याग कर देना चाहिए। इन नियमों का पालन न करने पर माला की पवित्रता भंग होती है और व्यक्ति को अशुभ परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
इस माला को धारण करके कभी भी शौचालय या श्मशान घाट जैसे अशुद्ध स्थानों पर नहीं जाना चाहिए। रात्रि में सोते समय भी माला को उतारकर किसी पवित्र स्थान पर रखने की सलाह दी जाती है।] माना जाता है कि इसे किसी भी ऐसी गतिविधि के दौरान नहीं पहनना चाहिए जो शारीरिक या मानसिक रूप से अशुद्ध हो।
यह माला सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता का प्रतीक है। इसलिए इसे फैशन के तौर पर पहनने की सख्त मनाही है। जो व्यक्ति इसे धारण करता है, उसे अपने आचरण में भी शुद्धता और सम्मान का भाव रखना चाहिए यदि गलती से माला टूट जाए या खंडित हो जाए, तो उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
--Advertisement--
Tags:
Share:
--Advertisement--