Speed up development in Bihar: नीतीश कैबिनेट की मुहर से बनेगा ₹9970 करोड़ का गंगा एक्सप्रेसवे, अन्य मुद्दों पर भी मंथन

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News India Live, Digital Desk: मंगलवार को बिहार की राजधानी पटना में सियासी और प्रशासनिक गलियारों में काफी गहमागहमी रही, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक अहम बैठक बुलाई गई। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित कैबिनेट के तमाम दिग्गज मंत्री और अधिकारी इस दौरान मौजूद रहे। इस बैठक में राज्य के विकास और जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई, और कुछ बड़े फैसलों को अंतिम रूप दिया गया।

बैठक का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक फैसला भागलपुर से मुंगेर के बीच गंगा नदी के समानांतर एक भव्य गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर लिया गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए कैबिनेट ने लगभग 9970.61 करोड़ रुपये की मोटी रकम को हरी झंडी दे दी है। यह विशाल सड़क परियोजना 'हाइब्रिड एनुइटी मॉडल' (HAM) पर आधारित होगी, जो बिहार में आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। HAM मॉडल सरकारी और निजी निवेश के मेल से परियोजना को गति देता है और गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।

इसके साथ ही, कैबिनेट बैठक में वर्तमान परिस्थितियों और जनहित से जुड़े कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया। प्रदेश में जारी भीषण गर्मी और बिजली संकट, जो इस वक्त आम जनता के लिए बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है, उन पर विशेष रणनीति बनाई गई होगी ताकि लोगों को राहत मिल सके। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और कानून-व्यवस्था जैसे राज्य के मुख्य स्तंभों से जुड़े विभिन्न विभागों की कार्यप्रगति और भविष्य की योजनाओं पर भी गहन चर्चा हुई होगी।

इस तरह की कैबिनेट बैठकें राज्य सरकार के विजन और प्राथमिकताओं को दर्शाती हैं। विपक्षी 'इंडिया' (INDIA) गठबंधन की बिहार में लगातार बढ़ रही गतिविधियों और राज्य की मौजूदा राजनीतिक उठापटक भी अप्रत्यक्ष रूप से इन बैठकों का हिस्सा बन सकती है, जहाँ सरकार अपनी आगामी रणनीति पर विचार करती है। इन फैसलों से न सिर्फ प्रदेश की तस्वीर बदलने में सहायक होंगे, बल्कि जनता को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने और राज्य के चौतरफा विकास को गति देने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी लगातार जनता की समस्याओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखा रहे हैं, और उम्मीद है कि ये निर्णय ज़मीनी स्तर पर बदलाव लाएंगे।

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