Some boss is jealous: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अमेरिकी राष्ट्रपति पर अप्रत्यक्ष प्रहार
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए उच्च टैरिफ (टैक्स) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बिना सीधे ट्रंप का नाम लिए कहा कि "कुछ बॉस जलते हैं" जो भारत की तेज़ विकास गति को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं और देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। राजनाथ सिंह ने इस मामले को एक वैश्विक आर्थिक प्रतिस्पर्धा का हिस्सा बताया जिसमें कुछ शक्तियां भारत के उत्पादों को महंगा बनाकर भारतीय निर्यात को नुकसान पहुंचाने की नीति चला रही हैं ताकि विश्व बाजार में भारत की बढ़ती ताकत को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि भारत का विकास इतना तेज़ है कि अब कोई ताकत इसे विश्व की बड़ी ताकत बनने से नहीं रोक सकती। उन्होंने देश के आत्मनिर्भरता प्रयासों को भी रेखांकित करते हुए बताया कि भारत की रक्षा निर्यात पिछले वित्त वर्ष में ₹24,000 करोड़ के पार पहुंच चुकी है, जो 'नए भारत' की ताकत और रक्षा क्षेत्र की प्रगति को दर्शाता है। रक्षा क्षेत्र में निर्यात में निरंतर वृद्धि देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को साबित करता है।
राजनाथ सिंह के यह बयान पिछले दिनों ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत तक के कड़े टैरिफ दर्जनों वस्तुओं पर, खासकर स्टील, एलुमीनियम, ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों पर लगाए जाने के बाद आए हैं। भारत ने इस कदम को "अनुचित और अन्यायपूर्ण" करार दिया है और अपना आर्थिक हित सुरक्षित रखने का जोरदार संकेत दिया है। इसके बावजूद रक्षा खरीद समझौतों और सैन्य सहयोग पर किसी प्रकार का कोई असर नहीं पड़ा है और दोनों देशों के बीच रक्षा संवाद जारी है।
सिंह ने यह भी कहा कि देश के भीतर किए गए ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान भारत की घरेलू ताकत तथा काबिलियत को दर्शाते हैं, जो विदेशों की किसी भी चुनौती का मुकाबला कर सकते हैं। उन्होंने इस ऑपरेशन को आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक लड़ाई के रूप में उन्होंने सराहा।
इस पूरे घटनाक्रम में संकेत मिलता है कि भारत अपनी आर्थिक और सैन्य मजबूती को लेकर दृढ़ है और किसी भी बाहरी बाधा के बावजूद वैश्विक मंच पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। अमेरिकी टैरिफ वृद्धि के बावजूद भारत ने निर्यात में वृद्धि जारी रखी है और विश्व के लगभग 80 देशों को रक्षा सामग्री भेज रहा है, जिसका लक्ष्य 2029 तक ₹50,000 करोड़ का रक्षा निर्यात लक्ष्य हासिल करना है।
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