Solution to Every Stomach Problem: रसोई में छिपा है गैस-एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज
News India Live, Digital Desk: Solution to every Stomach Problem: आजकल की व्यस्त जीवनशैली और गलत खान-पान के चलते गैस, एसिडिटी और खट्टी डकारें आना एक आम समस्या बन गई है। यह सिर्फ पेट की परेशानी नहीं, बल्कि पूरे दिनचर्या को प्रभावित करती है। इससे न केवल शरीर में बेचैनी होती है, बल्कि असहज महसूस होने के कारण काम में भी मन नहीं लगता। यदि आप भी इन पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो आयुर्वेद में कुछ ऐसे सरल और प्राकृतिक उपाय मौजूद हैं जो आपकी रसोई में ही आसानी से मिल जाएंगे और आपको इनसे तुरंत राहत दिलाने में मदद करेंगे।
सुबह-सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू का रस निचोड़कर पीना एसिडिटी को कम करने का एक बेहतरीन तरीका है। नींबू, विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ क्षारीय गुणों से भी युक्त होता है, जो पेट में बनने वाले अतिरिक्त अम्ल को संतुलित करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से भी राहत देता है।
पेट में जब भी गैस या एसिडिटी महसूस हो, सौंफ का इस्तेमाल एक अद्भुत उपाय है। भोजन के बाद सौंफ चबाना पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट में गैस बनने से रोकता है। यह न सिर्फ आपके पाचन में सुधार करता है, बल्कि मुँह में एक ताज़गी भी लाता है।
इसी तरह, जीरा भी एक और प्रभावी औषधि है जो आपको पेट की समस्याओं से निजात दिला सकती है। आधा चम्मच जीरा को एक गिलास पानी में उबालकर ठंडा कर लें और इसे धीरे-धीरे पिएं। जीरे का पानी गैस और एसिडिटी में तत्काल राहत प्रदान करता है। कुछ लोग भुने हुए जीरे का पाउडर दही या छाछ के साथ लेना भी पसंद करते हैं, जो पेट को ठंडक प्रदान करता है।
अजवाइन भी गैस और अपच की समस्या में रामबाण का काम करती है। पेट में दर्द या भारीपन महसूस होने पर थोड़ी सी अजवाइन को हल्का भूनकर काला नमक के साथ खाने से तुरंत आराम मिलता है। यह वात को शांत करने में सहायक होती है।
एक और कारगर उपाय है पुदीने का उपयोग। पुदीने की कुछ पत्तियों को पानी में उबालकर चाय की तरह पिएं, या पुदीने की चटनी बनाकर सेवन करें। पुदीना, अपनी शीतल प्रकृति के कारण पेट की जलन को शांत करता है और पाचन को दुरुस्त रखता है।
इसके अलावा, खाने में अदरक का नियमित सेवन भी फायदेमंद होता है। अदरक का एक छोटा टुकड़ा सेंधा नमक के साथ चबाना या अदरक की चाय पीना भी गैस और बदहजमी से राहत दिला सकता है।
सेब का सिरका, हालांकि यह थोड़ा आधुनिक उपाय है लेकिन प्रभावी है। एक चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर खाना खाने से पहले पीने से पेट का पीएच स्तर संतुलित रहता है, जिससे एसिडिटी कम होती है। हालांकि, इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
अपने आहार में दही या छाछ को शामिल करना भी पेट के लिए बहुत लाभकारी है। प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही, पेट के स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ाता है, जिससे पाचन प्रक्रिया सुधरती है और गैस जैसी समस्याएँ कम होती हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गैस और एसिडिटी से बचने के लिए अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव करना भी ज़रूरी है। धीरे-धीरे खाएं, छोटे-छोटे भोजन करें, और अधिक तैलीय, मसालेदार या तला हुआ भोजन से बचें। योग और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने से भी पाचन तंत्र मजबूत होता है और मानसिक तनाव कम होता है, जो पेट की कई समस्याओं का मूल कारण होता है। इन आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों को अपनाकर आप आसानी से गैस, एसिडिटी और खट्टी डकारों की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं और एक स्वस्थ तथा आरामदायक जीवन जी सकते हैं।
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